हरियाणा : भूपेंद्र हुड्डा ने कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया

हरियाणा : भूपेंद्र हुड्डा ने कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया

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  • Publish Date - July 5, 2024 / 10:42 PM IST,
    Updated On - July 5, 2024 / 10:42 PM IST

अंबाला, पांच जुलाई (भाषा) हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हिसार में भी व्यापारियों ने हाल की कुछ घटनाओं के विरोध में बंद का आह्वान किया था।

कांग्रेस नेता ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, ‘‘राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है।’’

हुड्डा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर बेरोजगारी और अपराध को प्राथमिकता के आधार पर समाप्त किया जाएगा।

हरियाणा में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार और नागरिकों को सुरक्षा देने में विफल रही है।

उन्होंने कहा, “बेरोजगारी और विफल कानून व्यवस्था के कारण ही हरियाणा बेरोजगारी और अपराध के मामले में देश में सबसे ऊपर है। यही कारण है कि आज युवा भर्ती घोटालों के खिलाफ और नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं जबकि व्यापारी सुरक्षा के लिए आंदोलनरत हैं।”

उन्होंने कहा, “बढ़ते अपराध के खिलाफ आज (शुक्रवार को) हिसार के व्यापारियों ने भी बंद का आह्वान किया था। कांग्रेस इसका समर्थन करती है और वादा करती है कि अगर पार्टी की सरकार बनी तो व्यापारियों समेत हर नागरिक की जान-माल की रक्षा की जाएगी।”

व्यापारियों ने शुक्रवार को हिसार बंद का आयोजन किया।

अज्ञात व्यक्तियों द्वारा एक कार डीलर की दुकान के बाहर गोलीबारी करने के 12 दिन बाद भी हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं होने के विरोध में दुकानें और पेट्रोल पंप बंद रहे। हमलावरों ने कथित तौर पर पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।

व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि गोलीबारी की घटना के बाद, एक ऑटोमोबाइल शोरूम और कार के कलपुर्जों की दुकान के दो मालिकों से भी उनके मोबाइल फोन पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा 2-2 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी।

इस बीच, हुड्डा ने दावा किया कि राज्य में सरकारी विभागों में दो लाख से अधिक पद खाली पड़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “सरकार इन पर स्थायी भर्ती करने के बजाय कौशल रोजगार निगम के माध्यम से पदों को भरने में व्यस्त है। इस निगम में श्रमिकों का खूब शोषण होता है।”

भाषा प्रशांत जितेंद्र

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