कांग्रेस की हरियाणा और पंजाब इकाइयों का चंडीगढ़ में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन

कांग्रेस की हरियाणा और पंजाब इकाइयों का चंडीगढ़ में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन

  •  
  • Publish Date - December 18, 2024 / 10:43 PM IST,
    Updated On - December 18, 2024 / 10:43 PM IST

चंडीगढ़, 18 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस की हरियाणा और पंजाब इकाइयों ने बुधवार को अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी को ‘बचाने’ की भाजपा की नीति, मणिपुर में शांति बनाए रखने में उसकी ‘विफलता’ और किसानों के मुद्दों आदि के खिलाफ यहां अलग-अलग विरोध प्रदर्शन किए।

जब दोनों इकाइयों के नेता और कार्यकर्ता अपने-अपने पार्टी कार्यालयों में एकत्र होने के बाद संबंधित राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, तो पुलिस ने अवरोधक लगाकर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।

पंजाब कांग्रेस के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं (जिनमें राज्य इकाई के प्रमुख और सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग भी शामिल थे) को पुलिस ने कुछ समय के लिए हिरासत में ले लिया, जब उन्होंने अवरोधक हटाने की कोशिश की।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्य कांग्रेस प्रमुख उदय भान और पार्टी विधायकों के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।

वडिंग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि आज मोदी-अदाणी गठजोड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।

उन्होंने कहा कि मणिपुर अराजकता की आग में जल रहा है, फिर भी भाजपा नेता इस संकट को दूर करने के बजाय चौंकाने वाली उदासीनता दिखा रहे हैं।

हरियाणा कांग्रेस के धरना स्थल पर राज्य इकाई के प्रमुख भान ने अदाणी प्रकरण की जांच और मणिपुर में शांति बहाली की मांग की तथा दोनों मामलों में भाजपा नीत केंद्र सरकार की ‘भूमिका’ पर सवाल उठाया।

हरियाणा कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘सरकार अदाणी मामले की जांच से बच रही है। उसने इस मामले पर संसद में चर्चा भी नहीं होने दी। इसीलिए कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर हैं।’

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस अन्य मुद्दों के अलावा किसानों की ओर भी सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘भाजपा को आंदोलनकारी किसानों से बातचीत कर जल्द ही समाधान निकालना चाहिए, क्योंकि 22 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे उनके नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का स्वास्थ्य बेहद चिंताजनक हो गया है।’

वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि कांग्रेस किसानों की मांगों को सड़क से लेकर संसद तक उठा रही है।

उन्होंने कहा, ‘उनकी मांगें पूरी तरह से जायज हैं और कई साल पुरानी हैं। एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) किसानों का अधिकार है और वे केवल सरकार से इसके लिए कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।’

भाषा

शुभम अविनाश

अविनाश