नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) फिल्मकार हर्षा अत्माकुरी की डॉक्यूमेंट्री ‘‘मां का दूध’’ ने जयपुर अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (जेआईएफएफ) में चार पुरस्कारों पर कब्जा जमाया है।
यह फिल्म भारतीय डेयरी उद्योग में प्रचलित अवैध और अनैतिक प्रथाओं के बारे में है। जेआईआईएफ के 15वें संस्करण की शुरुआत शुक्रवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुई थी। इस साल फिल्म महोत्सव में 63 देशों की 282 फिल्में दिखाई जाएंगी।
फिल्म ‘‘मां का दूध’’ को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फीचर, सर्वश्रेष्ठ पटकथा और वैश्विक संदेश देने वाली फिल्म की श्रेणियों में पुरस्कार मिला।
आत्मकुरी ने कहा कि इस वृत्तचित्र के माध्यम से उन्होंने दर्शकों को ‘‘कुप्रथा और जानवरों के शोषण’’ से लड़ने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने की कोशिश की है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ज्यादातर लोग यह बात जानकर दंग रह जाएंगे कि जो जानवर हमें दूध देते हैं, जब वे दूध देने योग्य नहीं रह जाते तो अक्सर मांस के लिए उनका वध कर दिया जाता है।’’
भाषा शफीक माधव
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