देहरादून: उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि हाल ही में एक “अवैध कब्जे” को हत्ये जाने के बाद हलद्वानी क्षेत्र के बनभूलपुरा शहर में “हिंसक” झड़पें हुईं। गुरुवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान हुई यह हिंसा “सांप्रदायिक” नहीं थी।
उन्होंने बताया कि हिंसा के संबंध में तीन प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की हैं। यह भी सुनिश्चित किया कि “निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।”
डीजीपी कुमार ने मंगलवार को एएनआई को बताया कि रविवार को हुए झड़प और हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थे जबकि दर्जनों घायल हो गए थे। डीजीपी ने यह भी कहा कि लोगों को इस घटना को सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए। जिस तरह से पुलिस और प्रशासन की टीमों पर हमला किया गया, उसे देखते हुए हम इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। हमने तीन एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। कानूनी कार्रवाई की जा रही है।” डीजीपी ने कहा, “अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए वहां गए जिला प्रशासन और पुलिस की एक टीम पर भीड़ ने पत्थरों, पेट्रोल बम और अवैध हथियारों से हमला किया।”
उन्होंने कहा, “हम उचित तरीके से वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करेंगे और हमारी जांच के दौरान जिन आरोपियों का नाम सामने आएगा, उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने “कानून का पालन करने वाले नागरिकों” से पुलिस जांच में सहयोग करने का आग्रह करते हुए कहा, “हम क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। कर्फ्यू में समय-समय पर ढील दी जा रही है। इंटरनेट बहाल कर दिया गया है। हम कानून का पालन करने वाले नागरिकों से भी आग्रह करते हैं आगे आएं और पुलिस जांच में सहयोग करें।”
पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से कई देशी हथियार और जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इस दौरान बनभूलपुरा में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के बाद गुरुवार को हिंसा भड़क उठी थी। पथराव की घटना, गाड़ियों में आग लगाने और भीड़ द्वारा स्थानीय पुलिस थाने को घेरने के बाद प्रशासन ने देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया था। इस बीच, यहां नगर निगम ने हलद्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के खिलाफ 2.44 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया है, जिसमें उसे झड़प के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए पैसे जमा करने को कहा गया है।