Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, तहखाने में हिंदूपक्ष को मिला पूजा करने का अधिकार

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, तहखाने में हिंदूपक्ष को मिला पूजा करने का अधिकार

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  • Publish Date - January 31, 2024 / 03:39 PM IST,
    Updated On - January 31, 2024 / 03:54 PM IST

वाराणसी: Gyanvapi Case ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष को व्यास जी तहखाने में पूजा करने का अधिकार दे दिया है। अदालत ने सात दिन के अंदर पूजा-पाठ के प्रबंध करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 7 दिन के अंदर पूजा-पाठ के प्रबंध करने का आदेश दिया है, जो तहखाना मस्जिद के नीचे है।

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आपको बता दें कि कोर्ट के आदेश पर तहखाने की चाबी डीएम के हाथ में थी। आयोध्या में विवादित ढांचा ढहने के बाद ज्ञानवापी के चारों ओर लोहे की बैरिकैडिंग कर दी थी। वाराणासी फैसले के बाद आज हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ के प्रबंध करने का अधिकार मिला है।

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हिंदू पक्ष का दावा है कि नवंबर 1993 से पहले प्रदेश सरकार पूजा-पाठ बंद करवा दी थी। जहां तहखाने में सोमनाथ व्यास का परिवार नियमित पूजा पाठ करता था। जिसको शुरू करने का पुनः अधिकार दिया जाए।

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आपको बता दें कि वर्तमान में यह तहखाना अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के पास है। तहखाने को डीएम की निगरानी में सौंपने के साथ वहां दोबारा पूजा शुरू करने की अनुमति दी जाए। अदालत के 17 जनवरी को डीएम को तहखाने को अपने कब्जे में लेने का आदेश दिया। इसके बाद 24 जनवरी को तहखाना डीएम ने अपनी सुपुर्दगी में ले लिया था।

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ज्ञानवापी पर क्या है विवाद

ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कराने वाला औरंगजेब को माना जाता है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां पर भगवान विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योर्तिलिंग था, इस मंदिर को तोड़कर औरंगजेब ने यहां मस्जिद बनवाई थी। 1991 में इसे लेकर हरिहर पांडे, सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें बताया गया था कि मंदिर के अवशेषों से ही मस्जिद का निर्माण किया गया है।

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