भुज, 11 सितंबर (भाषा) गुजरात सरकार ने अज्ञात बुखार के कारण एक सप्ताह में 11 लोगों की जान जाने के बाद कच्छ जिले की दो तालुकाओं के सात गांवों और उसके आसपास विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा 50 चिकित्सा दलों को तैनात किया है। राज्य के एक मंत्री ने बुधवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बीमारी के संबंध में क्षेत्र में उठाए जा रहे कदमों को लेकर कच्छ के भुज शहर में समीक्षा बैठक की।
बुधवार को बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में पटेल ने कहा कि लखपत और अब्दासा के सात गांवों में बुखार के 48 नए मामले सामने आए हैं जहां तीन से 10 सितंबर के बीच एक अज्ञात बुखार के कारण चार बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए यहां अदाणी जीके जनरल अस्पताल में 100 ‘आइसोलेशन’ बिस्तर और 30 वेंटिलेटर के साथ बाईलेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (बीआईपीएपी) मशीन तैयार रखी गई हैं। हमने शीघ्र निदान और उपचार के लिए इस क्षेत्र में एक हृदय रोग विशेषज्ञ और दो विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही एमबीबीएस डॉक्टरों के नेतृत्व में 50 सदस्यों के एक दल को तैनात किया है।’’
उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में ‘108 सेवा’ एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं, जिससे मरीजों को उपचार के लिए पर्याप्त व्यवस्था वाले विशिष्ट अस्पताल में रेफर किया जा सके।
पटेल ने कहा कि बुखार और उसके बाद हुई मौतों के कारण की सटीक जानकारी के लिए संक्रमित मरीजों के नमूने गांधीनगर में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (जीबीआरसी) और पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भिजवाए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘तीन से 10 सितंबर के बीच कच्छ की लखपत और अब्दासा तालुका के सात गांवों में बुखार के कारण कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है। यह बुखार पांच से सात दिनों में गंभीर रूप ले लेता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिन लोगों की मौत हुई है, उन्होंने उपचार के लिए चिकित्सकों से परामर्श लेने में देर कर दी थी। मैं कच्छ के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सकों से सलाह लें।’’
हालांकि बुखार का कारण अब भी अज्ञात है, लेकिन मौतों के मामले सामने आने के बाद इन सात गांवों में 45 चिकित्सकीय दलों द्वारा की गई ‘स्क्रीनिंग’ और निगरानी में 48 नए मामले सामने आए।
पटेल ने कहा, ‘‘हमने इस बुखार के सटीक कारण का पता लगाने के लिए जीबीआरसी और पुणे को नमूने भेजे हैं। स्थिति नियंत्रण में है क्योंकि कोविड-19 के विपरीत, इसका कोई प्रकोप नहीं है। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और घर पर रहने के बजाय चिकित्सकों से परामर्श लें।’’
भाषा यासिर वैभव
वैभव