गुजरात: एमबीबीएस में दाखिले के लिए 16.32 लाख रुपये देने के बाद मिली फर्जी डिग्री |

गुजरात: एमबीबीएस में दाखिले के लिए 16.32 लाख रुपये देने के बाद मिली फर्जी डिग्री

गुजरात: एमबीबीएस में दाखिले के लिए 16.32 लाख रुपये देने के बाद मिली फर्जी डिग्री

:   Modified Date:  June 18, 2024 / 08:47 PM IST, Published Date : June 18, 2024/8:47 pm IST

मेहसाणा (गुजरात), 18 जून (भाषा) गुजरात के मेहसाणा में होम्योपैथ डिग्रीधारी से कथित धोखाधड़ी में चार लोगों के खिलाफे मामला दर्ज किया गया है। व्यक्ति ने चिकित्सा पाठ्यक्रम में उत्तर प्रदेश में दाखिले के लिए 16.32 लाख रुपये दिये, लेकिन उसे बदले में फर्जी डिग्री प्राप्त हुई।

पुलिस निरीक्षक जे जी वाघेला ने बताया कि बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) की डिग्री रखने वाले सुरेश पटेल (41) की शिकायत के आधार पर नंदासन पुलिस ने 14 जून को धारा 406 (विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने प्राथमिकी में नैनीताल निवासी डॉ. प्रेमकुमार राजपूत, मुरादाबाद निवासी डॉ. शौकत खान और दक्षिण दिल्ली निवासी अरुण कुमार व आनंद कुमार को नामजद किया है।

प्राथमिकी के अनुसार 2018 में नंदासन गांव के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले पटेल को उत्तर प्रदेश के झांसी में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश की पेशकश करने वाली एक वेबसाइट के बारे में पता चला।

पटेल ने अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर डॉ. राजपूत को फोन किया और कई बार बातचीत के बाद वह फीस भुगतान के लिए राजी हो गए।

आरोपी ने पटेल से कहा कि साढ़े पांच साल का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद उन्हें बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से डिग्री मिलेगी। इसके बाद शिकायतकर्ता अपनी नौकरी छोड़कर पढ़ाई के लिए उत्तर प्रदेश जाने को तैयार हो गया।

पटेल ने जुलाई 2018 और मार्च 2019 के बीच आरोपियों द्वारा बताए गए विभिन्न बैंक खातों में 16.32 लाख रुपये जमा किए और उन्होंने उसे आश्वासन दिया कि पाठ्यक्रम जल्द ही शुरू हो जाएगा।

प्राथमिकी में कहा गया है कि डाक्टर राजपूत और अन्य से संपर्क नहीं किया जा सका क्योंकि उनके फोन बंद आने लगे।

मार्च 2019 में, पटेल को अपने कार्यस्थल पर एक कूरियर मिला जिसमें उनके नाम का अंकपत्र, प्रशिक्षण और पंजीकरण प्रमाणपत्र के साथ अन्य प्रमाण पत्र थे।

प्रमाण पत्रों पर भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) और गुजरात चिकित्सा परिषद की पंजीकरण संख्या थी।

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) और विश्वविद्यालय प्रशासन ने बाद में पुष्टि की कि ये दस्तावेज फर्जी हैं।

वर्ष 2019 में पटेल ने मेहसाणा पुलिस में धोखाधड़ी को लेकर एक प्रार्थना पत्र दिया। एक पुलिस दल और पटेल एक आरोपी की तलाश में दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें कोई और रहता हुआ मिला।

भाषा

शुभम पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)