अहमदाबाद, 11 अक्टूबर (भाषा) वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा ने गुजरात उच्च न्यायालय में दायर अपनी वह याचिका सोमवार को वापस ले ली, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) धोखाधड़ी मामले में मजिस्ट्रेट अदालत के 10 दिन की हिरासत के आदेश को चुनौती दी थी।
जब मामला न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की अदालत में सुनवाई के लिए आया तो लांगा के वकील ने बिना कारण बताए याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी।
अहमदाबाद अपराध शाखा ने धोखाधड़ी मामले में एक प्रमुख समाचार पत्र के वरिष्ठ पत्रकार लांगा को आठ अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। अदालत ने अगले दिन उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
लांगा ने मजिस्ट्रेट अदालत के हिरासत आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि यह (आदेश) बिना सोचे-समझे पारित किया गया था।
उनके वकील ने कहा था कि पत्रकार का नाम प्राथमिकी में दर्ज नहीं किया गया था।
शहर की अपराध शाखा ने मुखौटा कंपनियों के माध्यम से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट और धोखाधड़ी वाले लेनदेन के जरिये सरकार को धोखा देने संबंधित आरोपों को लेकर केंद्रीय जीएसटी से शिकायत मिलने के बाद कई व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
केंद्रीय जीएसटी ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अपनी पत्नी और पिता के नाम पर फर्जी कंपनियों में कुछ संदिग्ध लेनदेन पाए जाने के बाद लांगा को गिरफ्तार किया था।
अपराध शाखा और गुजरात की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अहमदाबाद, जूनागढ़, सूरत, खेड़ा और भावनगर सहित राज्य भर में 14 स्थानों पर छापे मारे।
अपराध शाखा ने अब तक इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
भाषा सुरेश माधव
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