GST Affected by Inflation : नई दिल्ली। देश-दुनिया में बढ़ते महंगाई की मार से न सिर्फ आम जनता परेशान हैं बल्कि सरकार के फैसलों पर भी इसका असर हो रहा है। भारत में अबतक के सबसे ऊंचाई पर पहुंची महंगाई से फैसलों और इसके कारण GST के स्लैब (GST Slab Rejig) और दरों में बदलाव की योजना को फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। ऐसे समय पर जब पहले से ही चीजों की कीमतें आसमान छू रहीं हैं, केंद्र और राज्य सरकारें टैक्स की दरों में कोई नया बदलाव करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
पिछले दो सालों में कोरोना महामारी ने दुनिया भर को प्रभावित किया था। इसके बाद रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जो कि अब भी जारी है। इन हालातों ने स्थिति और ख़राब कर दी। इसके चलते अनाजों की कमी हो रही है और इनकी कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। ये बाहरी फैक्टर चीजों की कमी और महंगाई को प्रभावित कर रहे हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए जीएसटी दरों में प्रस्तावित बदलाव को फिलहाल के लिए टालने का फैसला लिया है।
Read More : आज पेश होगा UP के इतिहास का सबसे बड़ा बजट, हो सकती हैं ये महत्वपूर्ण घोषणाएं
GST Affected by Inflation : GST के बारे में अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल करती है। हालांकि काफी लंबे समय से काउंसिल की बैठक नहीं हुई है। बता दें जीएसटी काउंसिल की आखिरी बैठक पिछले साल सितंबर में लखनऊ में हुई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार GST काउंसिल की बैठक को अब और टालना संभव नहीं है। जुलाई के तीसरे सप्ताह से संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और बैठक को इसके बाद के लिए टाला नहीं जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई के तीसरे या चौथे सप्ताह में जीएसटी काउंसिल की बैठक की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।
Read More : आज से इन नियमों में हो जाएगा बदलाव, पढ़ लें ये काम की जानकारी, नहीं तो होगी परेशानी
एक रिपोर्ट के मुताबिक संसद सत्र से पहले भी जीएसटी काउंसिल की बैठक हो सकती है। हालांकि इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे देखते हुए GST काउंसिल की बैठक होने के चांसेज काफी कम हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये अभी संभव नहीं है कि बड़ी संख्या में चीजों के ऊपर लेवी लगाई जाए।
बता दें कि कोरोना महामारी से बचने के लिए पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन के समय जीएसटी कलेक्शन में काफी गिरावट दर्ज की गई थी लेकिन अब यह सुधर रहा है। रिपोर्ट की माने तो अप्रैल 2022 में टोटल जीएसटी कलेक्शन 1,67,540 करोड़ रुपये रहा। अप्रैल 2022 में सरकार को सेंट्रल जीएसटी (CGST) से 33,159 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इसके साथ ही सरकार को स्टेट जीएसटी (SGST) से 41,973 करोड़ रुपये और इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) से 81,939 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। इंटीग्रेटेड जीएसटी में सामानों के आयात से प्राप्त 36,705 करोड़ रुपये का कलेक्शन भी शामिल है। सरकार को सेस से 10,649 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें सामानों के आयात से मिले 857 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। इस तरह अप्रैल 2022 में करीब 1.68 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी कलेक्शन का रिकॉर्ड बना।
Read More : मोदी सरकार के 8 साल पूरे : इन योजनाओं ने बदली केंद्र सरकार की तस्वीर