अंतरिक्ष की उड़ान में मील का पत्थर साबित होगा जीसैट-7ए, बढ़ेगी इंटरनेट की स्पीड

अंतरिक्ष की उड़ान में मील का पत्थर साबित होगा जीसैट-7ए, बढ़ेगी इंटरनेट की स्पीड

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  • Publish Date - December 19, 2018 / 08:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नई दिल्ली। इसरो आज एक और एतिहासिक उड़ान के साथ ही अपनी संचार प्रणाली में मील का पत्थर साबित होने वाले जीसैट-7 ए सैटेलाइट की लॉन्चिंग करेगा। आज श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केन्द्र से होने वाले भारत के 35वें संचार सैटेलाइट जीसैट-7ए का प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। करीब 2,250 किलोग्राम वजनी जीसैट-7ए उपग्रह भारतीय क्षेत्र में केयू-बैंड के उपयोगकर्ताओं को संचार क्षमताएं मुहैया कराएगा। इससे पहले 29 नवंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी-सी 43 को अंतरिक्ष भेजकर इतिहास रचा था। इसरो ने पीएसएलवी-सी43 लॉन्च के साथ आठ अन्य देशों के 30 अन्य उपग्रहों को रवाना किया था।

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इसरो के अनुसार दिसंबर माह में लॉन्च हो रहे दोनों संचार सेटेलाइट देश में संचार सुविधाएं बेहतर करेंगे। इसका सबसे ज्यादा लाभ इंटरनेट यूजर्स को मिलेगा। माना जा रहा है कि इससे इंटरनेट की रफ्तार तेज होगी। जीसैट-7ए भारतीय क्षेत्र में केयू बैंड में उपयोगकर्ताओं को संचार क्षमता प्रदान करेगा। इसरो ने मंगलवार सुबह से जीसैट-7ए के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती (काउंट डाउन) शुरू कर दिया है। इसरो के अनुसार इस सेटेलाइट मिशन की अवधि आठ साल होगी।

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देश में इंटरनेट क्रांति के लिए चार उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना है। इनमें से जीसैट-19 व जीसैट-29 पहले ही प्रक्षेपित किए जा चुके हैं
जीसैट-11, 5 दिसंबर को रात 2:07 से 3:23 बजे के बीच छोड़ा गया। जीसैट-7ए, 19 दिसंबर को लॉच किया जाएगा। जीसैट-20 अगले साल प्रक्षेपित किया जाएगा। इसरो अध्यक्ष के शिवन के अनुसार, उच्च प्रवाह क्षमता वाले चार उपग्रहों का प्रक्षेपण, साल 2019 से देशभर में 100 से अधिक गीगाबाइट की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।