‘गिग’ श्रमिकों के लिए सरकार के कदम आधे-अधूरे, राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा ढांचे की जरूरत: कांग्रेस
‘गिग’ श्रमिकों के लिए सरकार के कदम आधे-अधूरे, राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा ढांचे की जरूरत: कांग्रेस
नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) कांग्रेस ने रविवार को कहा कि सरकार ने ई-श्रम पर ‘गिग’ श्रमिकों को पंजीकृत करने और उन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत शामिल करने के लिए केवल ‘‘आधे-अधूरे’’ कदम उठाए हैं। पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को ऐसे श्रमिकों के लिए एक राष्ट्रीय कानूनी और सामाजिक सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता है।
कांग्रेस का यह हमला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े एक करोड़ ‘गिग वर्कर्स’ के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना की घोषणा के एक दिन बाद आया है। सीतारमण ने कहा कि सरकार ऐसे श्रमिकों को पहचान पत्र प्रदान करेगी और ई-श्रम पोर्टल पर उनके पंजीकरण की सुविधा प्रदान करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा था कि इन श्रमिकों को पीएम-जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी।
कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अब जाकर सरकार की नींद भारत के गिग श्रमिकों की समस्याओं को लेकर खुली है। इतनी देर के बाद सरकार ने केवल गिग श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत करने और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत शामिल करने के आधे अधूरे कदम ही उठाए हैं।’’
रमेश ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद से देश के ‘गिग’ श्रमिकों की एक प्रमुख आवाज रहे हैं।
उन्होंने उल्लेख किया कि तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस सरकारों और राजस्थान में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने ‘गिग’ श्रमिकों को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी कानून बनाए। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के न्याय पत्र में ‘गिग’ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा भी एक प्रमुख गारंटी थी।
रमेश ने कहा कि सरकार को ‘गिग’ श्रमिकों के कल्याण के लिए कांग्रेस द्वारा राज्यों में बनाये गए कानूनों की बराबरी करने से पहले एक लंबा रास्ता तय करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए कर्नाटक प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स(सामाजिक सुरक्षा और कल्याण) विधेयक 2024 अधिकार आधारित एक ऐतिहासिक कानून है जो राज्य में प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स को औपचारिक अधिकार और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।’’
रमेश ने कहा कि इस कानून की कुछ मुख्य विशेषताओं में ‘गिग’ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कोष की स्थापना, गिग श्रमिकों की हिमायत के लिए ‘गिग वर्कर कल्याण बोर्ड’ की स्थापना शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें सरकार के साथ सभी ‘गिग’ श्रमिकों के अनिवार्य पंजीकरण का प्रावधान है। रमेश ने कहा कि कंपनियां अब 14 दिन की पूर्व सूचना और वैध कारण बताए बिना किसी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाल सकतीं। उन्होंने कहा कि कंपनियों को हर हफ्ते गिग श्रमिकों को भुगतान करना होगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में ‘गिग’ श्रमिकों के लिए एक राष्ट्रीय कानूनी और सामाजिक सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं।
भाषा आशीष नरेश
नरेश

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