नई दिल्ली: forcibly retired to Employees निष्क्रिय सरकारी कर्मचारी के खिलाफ दिल्ली सरकार एक्शन मोड पर आ गई है। सरकार ने अब इन कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त देने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश के बाद अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सनेना ने निष्क्रिय सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश दिया है। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसके रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया जाएगा।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
forcibly retired to Employees उपराज्यपाल के निर्देश के बाद वित्त विभाग की एचआरडी कैडर नियंत्रण इकाई ने सभी विभागों के प्रमुखों को सर्कुलर जारी किया है। इसे अति आवश्यक बताते हुए निर्धारित प्रारूप में कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी देने को कहा गया है। समीक्षा के जरिये ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए, जो कि बिल्कुल काम नहीं कर रहे। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जबरन रिटायर किया जाए। इस संबंध में हर महीने की 15 तारीख तक ऐसे कर्मचारियों की तय प्रारूप के तहत जानकारी देने के साथ उसपर क्या कार्रवाई की गई उसकी रिपोर्ट सेवा विभाग को देनी होगी। आदेश के मुताबिक, इसमें उन कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया जाएगा जो कि 50 से 55 साल की उम्र के करीब हों या 30 साल की सेवा दे चुके हों।
Read More: यहां नसबंदी कराने लगी पुरुषों में होड़, इस कानून का दिखा असर, वाइफ को लेकर कही ऐसी बातें