कोलकाता: Govt Will Fire 25000 Employees शिक्षक भर्ती घोटाले का मामला सामने आने के बाद प्रदेश के सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया था और अब इस घोटाले की आंच शिक्षकों पर तक पहुंचने लगी है। बताया जा रहा है कि सरकार ने बीते दस दिनों में 250 से अधिक शिक्षकों को नौकर से निकाल दिया है। वहीं, आगामी दिनों में 1698 गैर शिक्षक कर्मचारियों की और छुट्टी हो सकती है। बता दें कि ये प्रक्रिया कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद से शुरू हुई है।
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Govt Will Fire 25000 Employees आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह संख्या हजारों में भी पहुंच सकती है। गैर-शिक्षण कर्मचारियों से संबंधित यह मुद्दा, कलकत्ता उच्च न्यायालय में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) द्वारा स्वीकार किया गया है। राज्य समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि शायद यह राज्य सरकार और डब्ल्यूबीएसएससी के कानूनी दिमाग की विफलता थी, जो इतने सारे शिक्षकों और गैर-शिक्षकों की छंटनी में व्यावहारिक कठिनाइयों की व्याख्या करने में सक्षम नहीं थे।
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माकपा के राज्यसभा सदस्य और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता बिकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य द्वारा संचालित शिक्षा प्रणाली को बर्बाद करने और निजी के लिए रास्ता बनाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी का एक सुनियोजित कदम है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि 255 प्राथमिक शिक्षकों और 1,698 गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करना अभी शुरुआत है और अगले कुछ महीनों में यह संख्या 25,000 को पार कर जाएगी।
सत्ता पक्ष के लिए आने वाले दिन होंगे बेहद मुश्किल होने वाले है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन जैसे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि भाजपा नेता शायद भाजपा शासित मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले जैसे घोटालों को भूल रहे हैं। राजनीतिक टिप्पणीकार सब्यसाची बंदोपाध्याय का मानना है कि करोड़ों रुपए का शिक्षक भर्ती घोटाला अब प्रशासन और सत्ता पक्ष दोनों के लिए दोधारी तलवार बन गया है।