नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) सरकार शत-प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने के लिये अप्रैल 2022 से ‘नव भारत साक्षरता अभियान’ शुरू करेगी जिसके लिये ‘कैबिनेट नोट’ को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस अभियान के तहत ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से देश में 15 वर्ष व इससे अधिक आयु वर्ग के पांच करोड़ निरक्षर लोगों को इसके दायरे में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
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सूत्रों ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ वित्त मंत्रालय में व्यय विभाग ने पिछले महीने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।’’ उन्होंने बताया कि प्रस्ताव के तहत ‘नव भारत साक्षरता अभियान’ (एनआईएलपी) एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2027 तक लागू किया जायेगा।
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सूत्रों ने बताया, ‘‘ एनआईएलपी के लिये कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान इसकी तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों को पूरा करेगा ।
उन्होंने बताया कि इस दौरान वर्तमान ‘‘पढ़ना लिखना अभियान’’ (पीएलए) के लिये 31 मार्च 2022 तक बजटीय आवंटन को बढ़ाया जायेगा ।
प्रौढ़ शिक्षा संबंधी यह केंद्र प्रायोजित नई योजना होगी। इस कार्यक्रम के दायरे में ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से देश में 15 वर्ष व इससे अधिक आयु वर्ग के पांच करोड़ निरक्षर लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है।
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इस वर्ष जून में शिक्षा मंत्रालय की राज्यों के साथ डिजिटल माध्यम से समीक्षा बैठक हुई थी। इसमें यह सहमति बनी थी कि सक्षम प्राधिकार की मंजूरी के बाद ‘पढ़ना-लिखना’ अभियान समाप्त होने के बाद इसके स्थान पर ‘नव भारत साक्षरता अभियान’ शुरू किया जायेगा।
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस नए प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के पांच आयाम हैं। इनमें बुनियादी साक्षरता व अंक ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल से जुड़ा ज्ञान, बुनियादी शिक्षा व व्यावसायिक कौशल विकास शामिल हैं।
वर्ष 2021-22 के बजट प्रस्ताव में प्रौढ़ शिक्षा से संबंधित योजना के बारे में घोषणा की गई थी। मार्च के महीने में केंद्रीय स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा सचिवों, राज्य परियोजना निदेशकों एवं प्रदेश साक्षरता मिशन अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी ।