राष्ट्रपति के लिये समय सीमा निर्धारित करने के शीर्ष अदालत के आदेश पर समीक्षा याचिका दायर करेगी सरकार

राष्ट्रपति के लिये समय सीमा निर्धारित करने के शीर्ष अदालत के आदेश पर समीक्षा याचिका दायर करेगी सरकार

राष्ट्रपति के लिये समय सीमा निर्धारित करने के शीर्ष अदालत के आदेश पर समीक्षा याचिका दायर करेगी सरकार
Modified Date: April 13, 2025 / 10:27 pm IST
Published Date: April 13, 2025 10:27 pm IST

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय करने के लिये राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए समय सीमा तय करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सरकार की ओर से समीक्षा याचिका दायर किए जाने की संभावना है।

इस संबंध में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि समयसीमा की समीक्षा का अनुरोध करने के अलावा, सरकार शीर्ष अदालत के इस आदेश की भी समीक्षा कर सकती है, जिसमें न्यायालय ने कहा था कि यदि राज्यपाल द्वारा भेजे गए विधेयक को राष्ट्रपति रोककर रखते हैं, तो राज्य सरकारें सीधे संपर्क कर सकती हैं ।

सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में एक समीक्षा याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिस आधार पर समीक्षा याचिका दायर की जाएगी, उस पर विचार किया जा रहा है और सरकार के शीर्ष अदालत पहुंचने के बाद ही इसके बारे में जानकारी हो पायेगी।

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सूत्रों ने कहा कि यदि सरकार न्यायालय से संपर्क करती है, तो समीक्षा याचिका को जस्टिस जे बी पारदीवाला और आर महादेवन की उसी पीठ के समक्ष दायर करना होगा जिसने फैसला सुनाया था।

शीर्ष अदालत के आठ अप्रैल के फैसले के बाद, तमिलनाडु सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए, सरकारी राजपत्र में 10 लंबित विधेयकों को अधिनियम के रूप में सूचित किया था।

अपने आदेश में, शीर्ष अदालत ने सुझाव दिया था कि राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए भेजे गये विधेयकों पर प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने के भीतर निर्णय करना चाहिये।

भाषा रंजन नरेश

नरेश


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