भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन के लिये विधेयक लायेगी सरकार

भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन के लिये विधेयक लायेगी सरकार

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  • Publish Date - February 1, 2021 / 10:23 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) केंद्र सरकार भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन के प्रस्ताव के क्रियान्वयन के लिये इस वर्ष विधेयक पेश करेगी ।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्द्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कहा, ‘‘ बजट 2019-20 में मैंने भारतीय उच्चतर शिक्षा आयोग गठित करने के बारे में उल्लेख किया था । हम उसे क्रियान्वित करने के लिये इस वर्ष विधान पेश करेंगे । यह एक शीर्ष निकाय होगा जिसमें मानक बनाने, प्रत्यायन एवं मान्यता, विनियमन एवं वित्त पोषण के लिये चार अलग-अलग घटक होंगे । ’’

सीतारमण ने कहा, “ हमारे कई शहरों में विभिन्न अनुसंधान संस्थान, विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जो सरकार के समर्थन से चलते हैं। उदाहरण के लिये हैदराबाद, जहां तकरीबन 40 मुख्य संस्थान हैं। इसी तरह 9 अन्य शहरों में हम इसी तरह का एक समग्र ढांचा खड़ा करेंगे जिससे इन संस्थानों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें, साथ ही इनकी स्वायत्ता बरकरार रह सके।

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिये एक विशिष्ट अनुदान की शुरुआत की जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि देश के 15,000 से अधिक स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी पक्षों को शामिल करेंगे जिससे देश में शिक्षा की गुणवता को मजबूत किया जा सके और वे अपने क्षेत्र के लिए बेहतर स्कूल के उदाहरण के रुप में उभर सकें ।

सीतारमण ने कहा कि 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना एनजीओ/निजी स्कूलों/राज्यों के साथ साझेदारी में की जाएगी।

उन्होंने लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच के लिये लेह में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गठन का प्रस्ताव रखा।

वित्त मंत्री ने कहा कि हमने जनजाति क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल आवसीय स्कूलों की स्थापना का लक्ष्य रखा है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा प्रस्ताव ऐसे स्कूलों की इकाई लागत को 20 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 38 करोड़ रूपये करने का है । और पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों के लिये इसे बढ़ाकर 48 करोड़ रूपये करने का प्रस्ताव है।’’

उन्होंने कहा कि इससे हमारे जनजातीय विद्यार्थियों के लिये आधारभूत सुविधा के विकास में मदद मिलेगी ।

सीतारमण ने कहा कि हमने अनुसूचित जाति के कल्याण के लिये पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का पुनरूद्धार किया है । हमने इस संबंध में केंद्र की सहायता में भी वृद्धि की है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम अनुसूचित जाति के 4 करोड़ विद्यार्थियों के लिये 2025-26 तक की छह वर्षो की अवधि के लिये 35,219 करोड़ रूपये का आवंटन कर रहे हैं ।’’

भाषा दीपक दीपक वैभव

वैभव