नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस सांसद एस जोतिमणि ने दिल्ली के पास शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का मुद्दा उठाते हुए सरकार से जल्द से जल्द उनकी मांगें पूरी करने का अनुरोध किया।
जोतिमणि ने लोकसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान कुछ मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गांरटी, कृषि कर्ज माफी, पेंशन और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय देने की मांग शामिल हैं।
कांग्रेस सदस्य ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने इन सभी वादों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक ये अधूरे हैं और सरकार ने इन्हें भुला दिया है।
जोतिमणि ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल प्रदर्शन स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे हैं और उनकी हालत बिगड़ रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के मौलिक अधिकार के बाद भी किसानों के साथ बर्बरता हो रही है और सरकार ने उनकी मांगों पर आंखें मूंद ली हैं।
जोतिमणि ने केंद्र सरकार से मांग की कि तत्काल किसानों पर कार्रवाई रोकी जाएगी और उन्हें न्याय दिया जाए।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया, ‘‘किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे को ढकने के लिए सरकार जॉर्ज सोरोस के अनावश्यक मुद्दे को उठा रही है।’’
जोतिमणि ने एक उद्योगपति का नाम लेते हुए सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि उन्हें बचाया जाता है, लेकिन किसानों को नहीं।
इस पर पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने कहा कि आप किसी ऐसे व्यक्ति का नाम नहीं ले सकते जो सदन में उपस्थित नहीं हैं।
उन्होंने उद्योगपति के नाम को कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया जिस पर कांग्रेस के सदस्य विरोध दर्ज कराने लगे।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बुधवार को शून्यकाल में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर वही आरोप लगाए जो उनकी पार्टी पिछले कुछ दिन से दोहरा रही है।
उन्होंने कहा कि शून्यकाल सदस्यों का समय होता है, लेकिन एक मंत्री उसमें आरोप लगा रहे थे।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘जोतिमणि ने जो कहा, आपने कार्यवाही से हटा दिया। क्या यह केवल विपक्ष पर लागू है, उनके (सत्तापक्ष के) लिए नहीं है?’’
उन्होंने पीठासीन सभापति से कहा, ‘‘जब केंद्रीय मंत्री शून्यकाल में बोलते हैं तो आपने उनकी बात कार्यवाही से नहीं हटाई। ये दोहरे मानदंड सही नहीं हैं।’’
गौरतलब है कि पंजाब के किसान नेता डल्लेवाल खनौरी सीमा पर 17 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने बुधवार को एक बयान में कहा था कि डल्लेवाल का वजन 12 किलो से अधिक कम हो गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी में डेरा डाले हुए हैं।
भाषा वैभव माधव
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