न्यायाधीशों को संपत्ति का ब्यौरा देने की अनिवार्यता संबंधी कानून लाने की योजना नहीं: सरकार

न्यायाधीशों को संपत्ति का ब्यौरा देने की अनिवार्यता संबंधी कानून लाने की योजना नहीं: सरकार

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  • Publish Date - November 28, 2024 / 05:26 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 05:26 PM IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को बताया कि संसदीय समिति की सिफारिश के अनुसार उच्च न्यायापालिका के न्यायाधीशों को संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य बनाने संबंधी कानून लाने की उसकी कोई योजना नहीं है।

एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा की गई संपत्ति की घोषणा का ब्योरा केंद्रीय स्तर पर नहीं रखा जाता है।

मंत्री से एक अन्य प्रश्न पूछा गया था, ‘‘क्या सरकार उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों को संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य बनाने के लिए किसी कानून बनाने पर विचार कर रही है, जैसा कि संसदीय स्थायी समिति ने अगस्त, 2023 की अपनी रिपोर्ट ‘न्यायिक प्रक्रियाएं और उनके सुधार’ में सिफारिश की है।’’ उन्होंने इसके जवाब में कहा, ‘‘नहीं’’।

उच्चतम न्यायालय की पूर्ण पीठ ने 26 अगस्त, 2009 को न्यायाधीशों द्वारा प्रस्तुत परिसंपत्तियों के विवरण को सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर डालकर सार्वजनिक करने का निर्णय लिया था।

मेघवाल ने रेखांकित किया, ‘‘इसके अलावा, पूर्ण न्यायालय ने 8 सितंबर, 2009 की अपनी बैठक में 31 अक्टूबर, 2009 को या उससे पहले परिसंपत्तियों की घोषणा को उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर डालने का संकल्प लिया, और यह पूरी तरह से स्वैच्छिक आधार पर है।’’

भाषा मनीषा माधव

माधव