नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) सरकार आव्रजन और विदेशियों से संबंधित विभिन्न सेवाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश कर सकती है, जिसमें देश में उनका प्रवेश, निकास और प्रवास जैसे विषय भी शामिल है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आगामी बजट सत्र में आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 पेश किए जाने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि इस विधेयक का उद्देश्य आव्रजन और विदेशियों से संबंधित विभिन्न सेवाओं को सुव्यवस्थित करना है, जिसमें भारत में उनका प्रवेश, निकास और प्रवास भी शामिल है।
भारत से विदेशियों का प्रवेश, प्रवास और निकास वर्तमान में विदेशी पंजीकरण अधिनियम, 1939 और विदेशी अधिनियम, 1946 द्वारा शासित होता है।
विदेशियों को सभी श्रेणियों के भारतीय वीजा विदेश में स्थित भारतीय मिशनों या केंद्रों द्वारा भौतिक या स्टिकर के रूप में दिए जा सकते हैं, जबकि आव्रजन ब्यूरो 167 देशों के लोगों को सात श्रेणियों के तहत इलेक्ट्रॉनिक वीजा प्रदान करता है।
इसके अलावा, आव्रजन अधिकारियों द्वारा छह निर्दिष्ट हवाई अड्डों पर तीन देशों – जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों को आगमन पर वीजा प्रदान किया जाता है।
मौजूदा कानूनों के अनुसार, दीर्घकालिक (180 दिनों से अधिक) छात्र, चिकित्सा, अनुसंधान, रोजगार, मिशनरी और प्रोजेक्ट वीजा पर आने वाले सभी विदेशियों को आगमन के 14 दिनों के भीतर विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) या संबंधित विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ) के पास पंजीकरण कराना आवश्यक है, जिसका अधिकार क्षेत्र उस स्थान पर हो जहां विदेशी नागरिक रहने का इरादा रखता है।
पाकिस्तानी नागरिकों को अपने आगमन के 24 घंटे के भीतर पंजीकरण कराना आवश्यक है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच कुल 98,40,321 (98.40 लाख) विदेशियों ने भारत की यात्रा की।
भाषा देवेंद्र माधव
माधव