Govt Is Not Responsible for Covid Vaccine Death

‘कोरोना टीका लगवाने से हुई मौत के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं’ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कही ये बात

कोरोना टीकाकरण से हुए प्रतिकूल प्रभाव के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता! Govt Is Not Responsible for Covid Vaccine Death

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 PM IST
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Published Date: November 29, 2022 3:29 pm IST

नई दिल्ली: Govt Is Not Responsible for Covid Vaccine Death कोरोना संक्रमण के दौर ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। इस दौर में भारत का भी यही हाल था। हर तरफ मौत की खबरें सामने आ रही थी। लेकिन इस दौर में भारत सरकार ने कोरोना की वैक्सीन लगाकर कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाई थी। हालांकि वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ लोगों की मौत होने की खबर भी सामने आई थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में वैक्सीन लगवाने के दौरान हुई मौत को लेकर दायर एक हलफनामे में केंद्र सरकार ने बड़ी बात कही है। केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना टीकाकरण से हुए प्रतिकूल प्रभाव के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

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Govt Is Not Responsible for Covid Vaccine Death मिली जानकारी के अनुसार यह हलफनामा एक पेरेंट्स की उस याचिका के जवाब में दायर किया गया है जिसके मुताबिक पिछले साल कोविड वैक्सीन लगाने के बाद उनकी दो जवान लड़कियों की मौत हो गई थी। याचिका में टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों का जल्द पता लगाने और समय पर उपचार के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने की मांग की गई है। साथ ही मौतों की स्वतंत्र जांच और एक्सपर्ट मेडिकल बोर्ड बनाने की मांग भी रखी गई है।

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसके जवाब में कहा, ‘वैक्सीन के इस्तेमाल से होने वाली दुर्लभ मौतों को लेकर मुआवजा देने के लिए स्टेट को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। ऐसा करना कानूनी तौर पर सही नहीं होगा।’ केंद्र सरकार की ओर से इन दोनों मौतों को लेकर गहरी संवेदना जाहिर की गई। साथ ही कहा गया कि एडवर्स इफेक्ट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन (AEFI) समिति की जांच में वैक्सीन से मौत का केवल एक मामला ही पाया गया। दूसरी मौत टीके के प्रतिकूल प्रभाव से नहीं हुई।

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मुआवजे की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया। मंत्रालय की ओर से दायर हलफनामे कहा गया, ‘अगर किसी व्यक्ति को AEFI से फिजिकल इंजरी पहुंचती है या फिर उसकी मौत होती है तो उसके परिवार वालों के पास कानूनी तौर पर विकल्प मौजूद है। क्षति/मुआवजे के दावे को लेकर दीवानी अदालतों का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।’

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केंद्र ने कोर्ट से कहा कि इन्फॉर्म कंसेंट का कॉन्सेप्ट वैक्सीन जैसी दवा के स्वैच्छिक इस्तेमाल पर लागू नहीं होता है। एईएफआई के आंकड़े देते हुए सरकार ने कहा कि लगाई गई कुल वैक्सीन डोज की तुलना में मौतों की संख्या बहुत कम है। हलफनामे में कहा गया, ’19 नवंबर 2022 तक देश में कोरोना टीकों की 219.86 करोड़ खुराक दी गई हैं जिनमें 92,114 AEFIs रिपोर्ट हुईं। इसमें से भी 89,332 (0.0041%) मामूली एईएफआई थे, जबकि केवल 2,782 (0.00013%) मौत या गंभीर प्रभाव के एईएफआई थे।

 

 

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