जयपुर, 28 फरवरी (भाषा) राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पिछली गहलोत सरकार द्वारा गठित नौ जिलों को खत्म करने का फैसला किया है। इसके साथ ही तीन नए संभागों को भी खत्म कर दिया है। राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने यह जानकारी दी।
पटेल ने कहा कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति और विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘समिति ने पाया कि ये नवगठित जिले व्यावहारिक नहीं हैं, ये जिले जनहितार्थ पर नहीं है। ये जिले राजस्थान सरकार पर अनावश्यक बोझ डाल रहे हैं और इनकी उपयोगिता बिलकुल नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद अब राजस्थान में कुल सात संभाग एवं 41 जिले ही रहेंगे।
पटेल ने बताया कि सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए बालोतरा, डीग, ब्यावर, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूंबर को जिला बनाए रखने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तय किया है कि ये जो नए जिले बनाए गए हैं उनको हम नहीं रखेंगे। इन जिलों की अभी आवश्यकता नहीं है। तीन नए संभाग की भी आवश्यकता नहीं है।’
पटेल ने कहा ये प्रशासनिक तंत्र को विधिवत करने एवं उसे प्रभावी बनाने तथा राजस्थान को समृद्ध और विकसित बनाने के लिए सभी पहलुओं पर विचार करने के उपरांत सरकार ने यह निर्णय किया है।
उल्लेखनीय है कि गत अशोक गहलोत सरकार ने 17 नए जिले व तीन नए संभाग बनाने की अधिसूचना जारी की थी। इसके साथ ही तीन नए जिलों की घोषणा की थी लेकिन उसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई थी।
पटेल ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा को रद्द करने पर कोई चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने राज्य में पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के पुनर्गठन का फैसला किया है।
भाषा पृथ्वी रंजन
रंजन