नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) हिंदी के प्रख्यात कवि व लेखक गोविंद मिश्र और गुजराती के कवि तथा नाटककार सितांशु यशश्चंद्र को अमर उजाला के सर्वोच्च शब्द सम्मान ‘आकाशदीप’ से नवाज़ा जाएगा।
‘अमर उजाला’ की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बांदा में एक अगस्त 1939 को जन्में मिश्र को हिंदी लेखन में अद्वितीय योगदान देने के लिए यह सम्मान दिया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि गुजरात के कच्छ में 19 अगस्त 1941 को जन्मे यशश्चंद्र को गुजराती भाषा के आधुनिक कला-साहित्य में योगदान देने के लिए ‘आकाशदीप’ सम्मान की खातिर चुना गया है।
बयान में बताया गया है कि ‘आकाशदीप’ पुरस्कार के साथ पांच लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह के रूप में गंगा की प्रतिमा प्रदान की जाती है।
इसमें बताया गया कि वर्ष 2023 में प्रकाशित हिंदी कृतियों के लिए भी ‘शब्द सम्मान’ की घोषणा की गई है।
बयान के अनुसार, ‘छाप’ श्रेणी के कविता वर्ग में ज्योति चावला के संग्रह ‘यह उनींदी रातों का समय है’ को चुना गया है जबकि कथा वर्ग में युगल किशोर के उपन्यास ‘अग्निकाल’ तथा कथेतर वर्ग में ध्रुव शुक्ल की कृति ‘वा घर सबसे न्यारा’ को श्रेष्ठ कृति का सम्मान दिया जाएगा।
इसके मुताबिक, ‘थाप’ सम्मान किंशुक गुप्ता की कृति ‘यह दिल है कि चोर दरवाजा’ को मिलेगा जो किसी रचनाकार की पहली किताब को दिया जाता है।
बयान में कहा गया है कि भारतीय भाषाओं में अनुवाद के लिए भाषा सम्मान ‘बंधु’ ‘तुम क्यों उदास हो’ के लिए सुभाष नीरव को दिया जाएगा। उन्होंने इसे पंजाबी के ‘कुलबीर बड़ेसरों’ से हिंदी में अनूदित किया है।
बयान के अनुसार, इन सम्मान के तहत एक-एक लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह के रूप में गंगा प्रतिमा दी जाती है।
पुरस्कारों का चयन एक निर्णायक मंडल ने किया जिसमें प्रसिद्ध कवि आलोक धन्वा, कथाकार संजीव, आलोचक वागीश शुक्ला, लेखक- संपादक विश्वनाथ सचदेव तथा कहानीकार अखिलेश शामिल थे।
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