इंफाल, 31 जनवरी (भाषा) मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में शांति बहाल करने और इसकी मौजूदा एवं भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इंफाल पश्चिम जिले के सेकमई में एक कार्यक्रम में कहा कि म्यांमा से लगी सीमा पर बाड़ लगाने और विदेशियों के प्रवेश को विनियमित करने की केंद्र की पहल का परिणाम दिखना शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में सभी समस्याओं के बीच, विकास कार्य शिक्षा एवं व्यावसायिक गतिविधियों को जारी रखने के साथ करना होगा।
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच मई 2023 से हुई जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘हम एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। पर्वतीय और घाटी, दोनों इलाकों में कई लोग मारे गए हैं जबकि कई लोग बेघर हुए हैं। सरकार शांति बहाल करने के लिए काम कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य सभी मूल निवासियों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व सुनिश्चित करना तथा केंद्र की मदद से उन्हें बाहरी लोगों से बचाना है।
सिंह ने कहा, ‘‘राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोग कठिनाई का सामना कर रहे हैं। इस संकट के कारण हमें रात को नहीं आ रही…हम मौजूदा एवं भविष्य की पीढ़ियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए मणिपुर में ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) लागू किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके मंत्रिमंडल ने आईएलपी के लिए 1961 को आधार वर्ष बनाने का निर्णय लिया है और इस प्रकार ‘‘जो लोग 1961 से पहले रह रहे हैं वे राज्य के स्थायी निवासी बन जाएंगे।’’
भाषा सुभाष रंजन
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