(दीपक रंजन)
नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश में पर्यटन क्षेत्र को गति देने के लिए वैश्विक सुविधाओं के साथ 20 अति विशिष्ट पर्यटक स्थलों (आइकॉनिक साइट) का मॉडल के तौर पर विकास किया जायेगा । इसके अलावा देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 100 स्मार्ट पर्यटक स्थल भी विकसित किये जायेंगे। यह प्रस्ताव नयी राष्ट्रीय पर्यटन नीति के मसौदे में किया गया है।
पर्यटन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार इस मसौदा नीति में राज्यों के सुझावों को भी शामिल किया गया है।
देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नयी राष्ट्रीय पर्यटन नीति के मसौदे को जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिये पेश किया जायेगा ।
अति विशिष्ट पर्यटक स्थल (आइकॉनिक साइट) की योजना में स्मारकों व स्थलों का विकास विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में करने की बात कही गई है ताकि उन्हें मॉडल के रूप में पेश किया जा सके । इनके आसपास पर्यटन की दृष्टि से समग्र विकास किया जाना है। इसमें सड़क, आधारभूत संरचना, होटल, लॉज, सम्पर्क आदि से संबंधित काम शामिल हैं ।
इसके साथ ही स्मार्ट पर्यटक स्थल के रूप में उन स्थानों में ऐसी सुविधाओं का विकास किया जायेगा जिससे अधिक से अधिक विदेशी एवं घरेलू पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके ।
पर्यटन मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि राष्ट्रीय पर्यटन नीति के मसौदे को राज्यों एवं अन्य पक्षकारों के साथ साझा किया गया था । इस पर राज्यों की ओर से कई सुझाव प्राप्त हुए ।
उन्होंने बताया, ‘‘ इन सुझावों के अनुरूप मसौदा नीति में संशोधन करके उसे फिर से राज्यों को भेजा गया था । इसके बाद मसौदे को जल्द ही इसे मंजूरी के लिये कैबिनेट में पेश जायेगा । ’’
देश में इससे पहले राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2002 में आई थी। हालांकि व्यापक एवं एक दूसरे से जुड़ी वैश्विक गतिविधि और विकास तथा पर्यटन क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए एक नयी राष्ट्रीय पर्यटन नीति की जरूरत महसूस की गई ।
मसौदे में कहा गया है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये आइकॉनिक साइट योजना के तहत 20 स्थलों का विकास किया जायेगा । वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में आइकॉनिक साइट के विकास का प्रस्ताव किया गया था ।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने हाल ही में अति विशिष्ट पर्यटक स्थलों से जुड़ी आइकॉनिक साइट योजना की समीक्षा की । इसमें तय हुआ कि शीघ्र ही राज्य सरकार, निजी क्षेत्र और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ मिलकर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा ताकि आजादी के 75वें वर्ष में लक्ष्य प्राप्त किये जा सके ।
नयी नीति के मसौदे में 100 स्मार्ट पर्यटक स्थलों का भी विकास का भी प्रस्ताव किया गया है । पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रत्येक 75 किलोमीटर पर सुविधाओं का विकास सुनिश्चित किया जायेगा ।
इसमें कहा गया है कि 75 नये पर्यटन स्थलों को हवाई सम्पर्क से जोड़ा जायेगा । इसके अलावा आसियान क्षेत्र का बौद्ध सर्किट के साथ सम्पर्क मजबूत बनाया जायेगा ।
विदेशी और घरेलू निवेश को सुगम बनाने के लिये निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ स्थापित किया जायेगा ।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के दौरान पर्यटन क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है और इस क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिये सरकार इससे जुड़े पक्षकारों के साथ चर्चा कर रही है ।
अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है जिसमें राज्यों की सड़कों, होटलों और सभी पर्यटन स्थलों की अन्य सुविधाओं के बारे में सभी जानकारियां होंगी।
उन्होंने कहा कि मौसम और पर्यटन संबंधी अन्य जानकारियों के बारे में भी उसमें अद्यतन सूचना मिलती रहेगी। राज्यों से भी इस बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया गया है ।
मंत्रालय ने पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अतुल्य भारत पर्यटक सुविधा प्रमाणन कार्यक्रम (आईआईटीएफ) नामक गाइडों को प्रशिक्षित करने के लिए एक ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू किया है।
भाषा दीपक दीपक माधव
माधव