नयी दिल्ली/लखनऊ/मुंबई: Agneepath Bharati Scheme सरकार सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए विवादास्पद ‘अग्निपथ’ योजना को लागू करने के अपने रुख पर कायम है, वहीं तीनों सेनाओं ने नयी नीति के तहत भर्ती के लिए रविवार को विस्तृत कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सरकार ने हिंसा और आगजनी में शामिल लोगों को भर्ती में शामिल नहीं किये जाने की चेतावनी दी। अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद पिछले चार दिन में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना समेत अनेक राज्यों में उग्र प्रदर्शन हुए जिन पर सरकार की ओर से अपेक्षाकृत रूप से चुप्पी देखी गयी। कई जगहों पर शांतिपूर्ण आंदोलन भी हुए।
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Agneepath Bharati Scheme सैन्य मामलों के विभाग में अवर सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने योजना के खिलाफ हो रहे विध्वंसक प्रदर्शनों में शामिल लोगों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि जो युवा आगजनी एवं हिंसा में लिप्त हैं, वे सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं में नहीं शामिल हो पायेंगे क्योंकि किसी को भी सशस्त्र बलों में शामिल करने से पहले पुलिस सत्यापन प्रक्रिया चलायी जाएगी। इस बीच, केंद्र सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस ने अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में रविवार को ‘सत्याग्रह’ का आयोजन किया। इसके साथ ही पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने युवाओं से ‘‘फर्जी राष्ट्रवादियों’’ को पहचानने की अपील करते हुए उनसे कहा कि युवा देश में ऐसी नयी सरकार का गठन सुनिश्चित करें जो ‘‘वास्तविक तौर पर देशभक्त हो।’’
पुरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। आगजनी एवं हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है । अग्निपथ के तहत जो भी सशस्त्र बलों का हिस्सा बनना चाहता है तो उसे इस बात का प्रमाणपत्र देना होगा कि वह किसी आगजनी का हिस्सा नहीं था।’’ जब लेफ्टिनेंट पुरी से पूछा गया कि क्या सरकार प्रदर्शन के चलते इस योजना की समीक्षा या उसे वापस ले रही है तो उन्होंने कहा, ‘‘ नहीं, इसे वापस क्यों लिया जाना चाहिए?’’ रक्षा मंत्रालय में सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं की इस ब्रीफिंग से कुछ घंटे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लगातार दूसरे दिन रविवार को सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों के साथ बैठक की थी। लेफ्टिनेंट पुरी ने कहा कि सशस्त्र बलों के उम्र संबंधी प्रोफाइल को घटाने का यह बड़ा सुधार कई सालों के विचार-विमर्श तथा विभिन्न देशों में भर्ती प्रक्रियाओं एवं सैनिकों के कार्यकाल का अध्ययन करने के बाद किया गया है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि 1999 के करगिल युद्ध पर उच्चस्तरीय समीक्षा समिति ने भी इस पर सुझाव दिया था ।
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इस योजना के तहत ‘अग्निवीरों’ की भर्ती की नौसेना की योजना का विवरण देते हुए वाइस एडमिरल (कार्मिक) दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि नौसेना मुख्यालय 25 जून तक भर्ती के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी करेगा। उन्होंने कहा कि पहला बैच 21 नवंबर तक ओडिशा में आईएनएस चिलिका पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नौसेना इस योजना के तहत पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की भर्ती कर रही है। ‘अग्निपथ’ योजना के तहत लोगों की भर्ती की वायुसेना की योजना के बारे में एयर मार्शल एस के झा ने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया 24 जून को शुरू होगी और भर्ती के पहले चरण के लिए 24 जुलाई को ऑनलाइन परीक्षा प्रारंभ होगी। एयर मार्शल झा ने कहा, ‘‘हम रंगरूटों के पहले बैच का 30 दिसंबर तक प्रशिक्षण शुरू करने की योजना बना रहे हैं।’’ सेना की भर्ती योजना के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि सेना सोमवार को मसौदा अधिसूचना जारी करेगी और बाद की अधिसूचनाएं एक जुलाई से सेना की विभिन्न भर्ती इकाइयां जारी करेंगी। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैलियां अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पूरे देश में होंगी।
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लेफ्टिनेंट जनरल पोनप्पा ने कहा कि 25,000 कर्मियों का पहला बैच दिसंबर के पहले एवं दूसरे सप्ताह में प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ेगा तथा दूसरा बैच 23 फरवरी के आसपास अपने प्रशिक्षण में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि करीब 40,000 कर्मियों के चयन के लिए देशभर में कुल 83 भर्ती रैलियां आयोजित की जाएंगी। चार साल के कार्यकाल के बाद 75 फीसद ‘अग्निवीरों’ के सशस्त्र बलों से बाहर आने के प्रावधान का जिक्र करते हुए लेफ्टिनेंट पुरी ने कहा कि तीनों अंगों से हर साल 17,600 सैनिक समयपूर्व सेवानिवृति ले लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा नहीं है कि अग्निपथ योजना के तहत ही लोग (सेना से) बाहर आएंगे। ’’
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मंगलवार को इस योजना का ऐलान करते हुए सरकार ने कहा था कि साढ़े 17 से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सशस्त्रबलों में भर्ती किया जाएगा तथा बाद में उनमें से 25 फीसद को नियमित सेवा पर रख लिया जाएगा। इस तरह भर्ती होने वाले युवक ‘अग्निवीर’ कहलायेंगे। दो साल तक सेना में भर्ती स्थगित रहने की पृष्ठभूमि में इस नयी योजना का ऐलान किया गया। वैसे सेना हर साल 50-60 हजार सैनिकों की भर्ती करती है। लेकिन पिछले दो सालों में कोविड-19 महामारी के चलते भर्ती नहीं हो पायी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसक प्रदर्शनों पर अभी तक कुछ नहीं कहा है। उन्होंने रविवार को ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ आंदोलन का सीधा जिक्र तो नहीं किया लेकिन कहा, ‘‘यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि अच्छी नीयत से लाई गईं बहुत सी अच्छी चीजें राजनीतिक रंग में फंस जाती हैं। टीआरपी की मजबूरी में मीडिया भी इसमें घसीटा जाता है।’’
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उन्होंने केंद्र द्वारा प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास का यहां उद्घाटन करने के बाद यह बात कही। इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने सहारनपुर, भदोही और देवरिया जिलों में हिंसक प्रदर्शनों में कथित रूप से शामिल रहने और युवाओं को उकसाने के मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया और कई अन्य को हिरासत में लिया। अधिकारियों ने बताया कि भदोही में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया और चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। देवरिया में प्रदर्शनकारियों ने एक गैस फिलिंग स्टेशन में पथराव किया और तोड़फोड़ की। वहां के एक सेल्समैन ने प्रदर्शनकारियों पर नकदी लूटने का भी आरोप लगाया है। गुजरात के अहमदाबाद शहर में बिना अनुमति लिए प्रदर्शन के लिए जमा हुए कम से कम 14 लोगों को हिरासत में लिया गया। जिन राज्यों में व्यापक हिंसा और आगजनी हुई थी, उनमें आज अपेक्षाकृत शांति रही।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि एक ‘‘शानदार और दूरदर्शी’’ योजना के खिलाफ भ्रम उत्पन्न करने के लिए जानबूझकर प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए ‘‘लंबे और सावधानीपूर्वक’’ विचार-विमर्श के बाद शुरू की गई है।राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने नयी दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि योजना को लेकर युवाओं के मन में काफी शंकाएं हैं और इसे वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह शिक्षित युवाओं के लिए मनरेगा जैसी योजना है या फिर इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कोई ”गुप्त एजेंडा” है।
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यादव ने युवाओं से योजना के विरुद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पूरे मुद्दे पर चुप क्यों हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस नयी भर्ती नीति का बचाव किया। उन्होंने लखनऊ में कहा, ‘‘पूरी दुनिया ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है, वहीं विपक्षी दल युवाओं के जीवन से खिलवाड़ की अपनी प्रवृत्ति के अनुरूप उन्हें गुमराह कर रहे हैं। हम अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश पुलिस और अन्य सेवाओं में प्राथमिकता देंगे।’’ हालांकि बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने दावा किया कि इससे युवा निराश और हताश हैं। केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ जारी प्रदर्शन के कारण पूर्वी रेलवे ने रविवार को कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य क्षेत्रों को जोड़ने वाली 29 ट्रेन रद्द कर दीं। कई ट्रेन के समय में बदलाव किया गया, जिनमें हावड़ा-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस भी शामिल है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी और अन्य कई विपक्षी नेताओं ने इस योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
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