पटना : Government will spend 500 crores on caste census : राज्य के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए 12 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इस बैठक में नितीश सरकार ने राज्य के संसाधनों से जाति आधारित गणना कराने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी है। बिहार सरकार अपने संसाधनों से ही जाति आधारित गणना कराएगा। इसमें करीब 500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस दौरान राज्य में सभी धर्मों की जातियों एवं उपजातियों की भी गिनती होगी।
Government will spend 500 crores on caste census : मंत्रिमंडल की इस बैठक में इस प्रस्ताव के साथ ही बिहार नगरपालिका निर्वाचन नियमावली 27(2) के संशोधन के लिए बिहार नगरपालिका निर्वाचन संशोधन नियमावली 2022 के प्रारूप को भी मंजूरी दी गई है। मंत्रिमंडल ने बिहार गवाह सुरक्षा कोष नियमावली 2922 के प्रारूप को भी मंजूरी दी गई।
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Government will spend 500 crores on caste census : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के फैसले की जानकारी देते हुए बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि सरकार के फैसले के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग राज्य में जातीय जनगणना कराएग। जबकि जिलाधिकारी इसके लिए नोडल मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात किए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग और जिलाधिकारी ग्राम स्तर पर पंचायत स्तर पर और इससे उच्च स्तर पर विभिन्न विभागों के अधीनस्थ काम करने वाले कर्मचारियों की सेवाएं इस कार्य के लिए ले सकेंगे।
Government will spend 500 crores on caste census : मुख्य सचिव ने बताया कि जातीय जनगणना के साथ-साथ आर्थिक स्थिति का का भी सर्वेक्षण करने का प्रयास किया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि जातीय जनगणना के लिए आकस्मिकता निधि से तकरीबन 500 करोड़ खर्च करने को स्वीकृति दी गई है। जातीय जनगणना का काम राज्य में फरवरी 2023 तक चलेगा। कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि जातिय जनगणना का काम जल्दी शुरू किया जाएगा और इसके लिए नोटिफिकेशन जल्दी शुरू किए जाने की संभावना है।