नई दिल्ली: भारत सरकार ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पूरे भारत में प्लास्टिक बैन करने का निर्णय किया है। सरकार के अनुसार प्लास्टिक से बने उन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, जिसका इस्तेमाल हम एक ही बार कर सकते हैं। जैसे प्लास्टिक की पन्नी, पानी बोतल आदि। सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण को बहत ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। ये न नष्ट किए जा सकते हैं और न ही दोबार उपयोग में लाए जा सकते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकना है तो सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकना होगा। लेकिन इससे पहले यह जानना जरूरी है कि सिंगल यूज प्लास्टिक है क्या। कौन कौन सा सामान सिंगल यूज प्लास्टिक से बना है।
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क्या है सिंगर यूज प्लस्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक वह है, जिसका प्रयोग केवल एक ही बार किया जाए। इसमें प्लास्टिक की थैलियां, प्लेट, ग्लास, चम्मच, बोतलें, स्ट्रॉ और थर्माकोल शामिल हैं। इनका एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है। इस प्लास्टिक में पाए जाने वाले केमिकल पर्यावरण के साथ ही लोगों के लिए काफी घातक हैं। दरअसल सिंगल यूज प्लास्टिक कई माइक्रॉन में बनता है। लेकिन 40 माइक्रोमीटर (माइक्रॉन) या उससे कम स्तर के प्लास्टिक को सिंगल यूज प्लास्टिक कहते हैं। प्लास्टिक से बने ऐसे उत्पाद एक ही बार उपयोग में लाए जा सकते हैं औऱ इनको रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता।
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