नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों के दिल से दूरियों का भाव समाप्त किया है और किसी क्षेत्र में ये भावना नहीं होनी चाहिए कि वो विकास में पीछे छूट रहे हैं।’’
राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को लोकसभा कक्ष में संबोधित करते हुए कहा ‘‘ विकसित भारत की एक महत्वपूर्ण कसौटी, देश का संतुलित विकास है। किसी क्षेत्र में यह भावना नहीं होनी चाहिए कि वो विकास में पीछे छूट रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों की इन्हीं भावनाओं को समझा, उनके दिल से दूरियों का भाव समाप्त किया तथा 10 से अधिक शांति समझौते कर सरकार ने अनेक गुटों को शांति के मार्ग से जोड़ने का काम किया है।
मुर्मू ने इस बात का उल्लेख किया कि पूरा देश पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की संभावनाओं को देख सके, इस दिशा में पहले अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के विकास के साथ-साथ सरकार ने देश के “पूर्वोदय” यानी पूर्वी राज्यों के सर्वांगीण विकास की कार्य-योजना पर काम शुरू कर दिया है जिससे रोज़गार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।
मुर्मू के अनुसार, अंडमान निकोबार एवं लक्षद्वीप में विकास की कई परियोजनाएं प्रारम्भ कर उन्हें राष्ट्र की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
भाषा मनीषा माधव
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