नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि किसी देश की सफलता तभी समावेशी होती है जब वह सिद्धांतों से प्रेरित हो और इसीलिए, सरकार ने मौलिक सिद्धांतों को हमेशा अपनी कार्यनीति के केंद्र में रखा है।
मुर्मू बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र या समाज की सफलता समावेशी एवं सर्व-स्पर्शी तभी होती है जब वह सिद्धांतों से प्रेरित हो। इसीलिए, मेरी सरकार ने उन मौलिक सिद्धांतों को हमेशा अपनी कार्यनीति के केंद्र में रखा जिनका निर्देश हमारे संविधान ने दिया है। संविधान के आलोक में मेरी सरकार की प्रमुख सैद्धान्तिक प्रेरणा है – सेवा!
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरी सरकार मानती है कि 140 करोड़ देशवासियों की सेवा ही सरकार का प्रमुख कर्तव्य है। इस दिशा में सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।’’
उन्होंने हाशिए पर पड़े समुदायों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई प्रमुख कल्याणकारी पहल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि समाज के पिछड़े वर्ग और सफाई कर्मचारियों को आसान ऋण मुहैया कराने के लिए ‘पीएम सूरज’ योजना का विस्तार किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ दिव्यांगजनों तक पहुंचाने के लिए एक करोड़ से अधिक दिव्यांग पहचान पत्र जारी किये गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘स्वच्छता सैनिकों के लिए चलायी जा रही “नमस्ते योजना” का विस्तार कर अब स्वच्छता का बीड़ा उठाने वाले भाई-बहनों को भी इसमें शामिल किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि विकसित भारत की यात्रा में कोई पीछे नहीं छूट जाए, इस ध्येय के अनुरूप सरकार काम कर रही है।
भाषा अविनाश माधव
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