नई दिल्ली: Gopalkrishna Gandhi on Elections भारत में जुलाई में राष्ट्रपति का चुनाव किया जाएगा। रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा। वहीं, नामांकन प्रक्रिया 15 जून से शुरू हुई और 29 जून नामांकन पत्र जमा करने की आखिरी तारीख है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 15 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया, जिनमें से तीन के पर्चा को उचित दस्तावेजों के अभाव में खारिज कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोपालकृष्ण गांधी ने नेताओं से उनके अनुरोध पर निर्णय लेने के लिए और समय मांगा है।
Gopalkrishna Gandhi गौरतलब है कि देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल आगामी 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। इसके मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव की तारीखों का एलान चुका है। चुनाव आयोग के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे और 21 जुलाई को मतगणना होगी।
इस बार राष्ट्रपति चुनाव की रेस में सत्ता पक्ष के दिग्गजों के साथ-साथ विपक्ष के कई नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के तौर पर एक नाम पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीते बुधवार को विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें सर्वसम्मती से गोपालकृष्ण गांधी और फारूख अब्दुल्ला का नाम प्रस्तावित किया गया है। हालांकि इससे पहले सभी विपक्षी दलों ने एनसीपी चीफ शरद पवार के नाम पर सहमति दी थी, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया।
रिपोर्टों के मुताबिक, विपक्षी नेताओं ने गोपालकृष्ण गांधी से फोन पर बात की और उनसे राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनने पर विचार करने का आग्रह किया है। हालांकि इस संबंध में समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।’
ज्ञात हो कि साल 2017 में गोपालकृष्ण गांधी ने भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें एम वेंकैया नायडू से हार का सामना करना पड़ा था। 29 जून चुनाव के उम्मीदवारों के नामांकन का आखिरी दिन है इस लिहाज से ये माना जा रहा है कि विपक्ष जल्द से जल्द अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर सकती है।