खुशखबरी, 1 अक्टूबर से सस्ते हो जाएंगे होम और ऑटो लोन, एसबीआई ने किया ऐलान.. देखिए

खुशखबरी, 1 अक्टूबर से सस्ते हो जाएंगे होम और ऑटो लोन, एसबीआई ने किया ऐलान.. देखिए

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  • Publish Date - September 24, 2019 / 03:35 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

नई दिल्ली। त्यौहारी सीजन में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को बड़ी सौगात दी है। एसबीआई ने सोमवार को एमएसएमई , हाउसिंग और रिटेल लोन के सभी फ्लोटिंग रेट लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क रेपो रेट से जोड़ने का फैसला किया है। यह बदलाव 1 अक्टूबर 2019 से लागू होगा। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 सितंबर 2019 को सभी बैंकों को रिटेल लोन फ्लोटिंग रेट्स पर शिफ्ट करने का आदेश दिया था। फ्लोटिंग रेट्स एक्सटर्नल बेंचमार्क्स जैसे रेपो रेट के जरिए तय होंगे।

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एसबीआई ने 1 जुलाई 2019 को फ्लोटिंग रेट होम लोन को पेश किया था। इस स्कीम में कुछ बदलाव किए गए हैं और इन बदलावों के साथ 1 अक्टूबर 2019 से नई स्कीम लागू हो जाएगी। बेंचमार्क में रिजर्व बैंक का रेपो रेट, फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेडकी ओर से प्रकाशित भारत सरकार के 3 महीने के ट्रेजरी बिल पर दिया जाने वाला रेट, एफबीआईएल की ओर से प्रकाशित भारत सरकार के 6 महीने के ट्रेजरी बिल पर दिया जाने वाला रेट और एफबीआईएल की ओर से प्रकाशित कोई दूसरा बेंचमार्क रेट शामिल है। आरबीआई ने इनमें से किसी भी बाजार ब्याज दर मानक में से एक को चुनने का विकल्प दिया था।

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एसबीआई ने 2014 में जब मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट आधारित ब्याज दर शुरू की तो दूसरे बैंकों ने भी बेस रेट का सिस्टम छोड़कर एमसीएलआर को अपना लिया। एसबीआई का रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट आरबीआई के रेपो रेट से 2.25 फीसदी ऊपर रहता है। अभी रेपो रेट 5.40 फीसदी है तो एसबीआई का आरएलएलआर 7.65 फीसदी है। इसके अलावा आरएलएलआर से ऊपर 0.40 फीसदी और 0.55 फीसदी का स्प्रेड होता है। इस हिसाब से नए होम लोन ग्राहक सालाना 8.05 फीसदी या 8.20 फीसदी पर होम लोन ले सकते हैं।

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एसबीआई के नए सर्विस चार्ज 1 अक्टूबर 2019 से लागू हो सकते हैं. मेट्रो शहरों, पूर्ण शहरी इलाकों में फिलहाल एसबीआई ब्रांच में बैंक अकाउंट खुलवाने वाले लोगों को 5000 रुपये और 3000 रुपये तक तक मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस रखना जरूरी होता है। 1 अक्टूबर से यह बैलेंस घटकर दोनों इलाकों के लिए 3000 रुपये हो सकता है। किसी के अकाउंट का मिनिमम बैलेंस 3000 रुपये से 75 फीसदी से ज्यादा कम हुआ तो पेनल्टी 15 रुपये+ जीएसटी लग सकता है, जो कि अभी 80 रुपये+ जीएसटी है।

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