नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच क्रिसमस के दिन सिंघू बॉर्डर पर गोलगप्पे का लगाया गया। ‘फायरमैन’ सुरेंद्र कंबोज और उनके मित्रों ने किसानों के प्रदर्शनस्थल पर शुक्रवार को देखा कि एक बच्चा गोल गप्पा खाना चाहता था लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे।
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वहीं, गोल गप्पा बेचने वाले की बिक्री नहीं हो पा रही थी क्योंकि लोग लंगर में खा रहे थे। ऐसे में कंबोज और उनके मित्रों ने विक्रेता से सभी गोल गप्पे खरीद लिए और उन्हें वहां प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच मुफ्त बांटने लगे।
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यह गोल गप्पा विक्रेता मोहम्मद सलीम के लिए भी क्रिसमस का चमत्कार था। सलीम ने कहा कि कंबोज ने उन्हें 1,000 रुपये दिए जो उम्मीद से अधिक थे। सलीम ने पिछले तीन दिनों में सिर्फ 500 रुपये कमाए थे।
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हरियाणा के सिरसा के सात अग्निशमन कर्मियों के दल ने क्रिसमस को अनोखा बना दिया और खूब लोगों को गोलगप्पे खिलाए। कंबोज और उनके दोस्तों ने गोलगप्पे बेचने वाले के पास एक बच्चे को देखा और पूछा कि उसे क्या चाहिए। कंबोज (33) के अनुसार उस बच्चे ने बताया कि उसे गोल गप्पे चाहिएं लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे।
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इसके बाद जो हुआ उससे वह बालक और किसान चकित रह गए। कंबोज और रनिया अग्निशमन केंद्र में कार्यरत उनके अन्य मित्रों ने गोल गप्पे बेचने वाले से उसका पूरा स्टॉक खरीद लिया और वहीं गोल गप्पा लंगर शुरू कर दिया।
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कंबोज के सहकर्मी रवींद्र कुमार ने कहा, ‘गोलगप्पे बेचने वाले ने कुछ भी नहीं कमाया था क्योंकि लोग लंगरों (सामुदायिक रसोई) में खाना खा रहे हैं। उसने अपना स्टॉक बेच दिया और हमें सेवा करने का मौका मिला। यह हर किसी के लिए फायदे की स्थिति थी।