ब्राह्मण नहीं है कोई भी हिंदू देवता, SC/ST के हो सकते हैं भगवान शिव, JNU की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने कही ये बात

Gods do not belong to upper caste: जवाहर लाल नेहरू (JNU) की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने भगवान शिव और अपर कॉस्ट की जाति ...

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  • Publish Date - August 22, 2022 / 11:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

JNU Vice Chancellor Shantisree:  जवाहर लाल नेहरू (JNU) की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने भगवान शिव और अपर कॉस्ट की जाति को लेकर विवादित बयान दिया है। जिस पर देशभर में बवाल मच गया है। मामले ने तूल पकड़ लिया है। देश में जाति को लेकर हो रही हिंसा की घटनाओं के बीच कुलपति पंडित ने कहा कि मानव विज्ञान के हिसाब से कोई भी देवता ऊंची जाति से नहीं हैं। यहां तक ​​कि भगवान शिव भी अनुसूचित जाति या जनजाति से हो सकते हैं।

जेएनयू की कुलपति ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सभी महिलाओं को बता दूं कि मनुस्मृति के मुताबिक सभी महिलाएं शूद्र हैं, इसलिए कोई भी महिला यह दावा नहीं कर सकती कि वह ब्राह्मण या कुछ और है और आपको केवल पिता से या विवाह के जरिये पति की जाति मिलती है।

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उन्होंने कहा कि लक्ष्मी, शक्ति यहां तक ​​कि जगन्नाथ सहित देवता ह्यूमन साइंस की नजर से उच्च जाति से नहीं हैं। वाइस चांसलर ने कहा कि वास्तव में जगन्नाथ आदिवासी मूल के हैं। उन्होंने कहा, ‘तो हम अभी भी इस भेदभाव को क्यों जारी रखे हुए हैं जो बहुत ही अमानवीय है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम बाबा साहेब के विचारों पर फिर से सोच रहे हैं। हमारे यहां आधुनिक भारत का कोई नेता नहीं है जो इतना महान विचारक था।’

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ब्राह्मण नहीं है कोई भी देवता

‘डॉ। बीआर आंबेडकर्स थॉट्स आन जेंडर जस्टिस: डिकोडिंग द यूनिफॉर्म सिविल कोड’ नाम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शांतिश्री धुलिपुड़ी ने सोमवार को नौ साल के एक दलित लड़के के साथ हाल ही में हुई जातीय हिंसा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी भगवान ऊंची जाति का नहीं है। उन्होंने कहा, ‘आप में से ज्यादातर को हमारे देवताओं की उत्पत्ति को मानव विज्ञान की नजर से जानना चाहिए। कोई भी देवता ब्राह्मण नहीं है, सबसे ऊंचा क्षत्रिय है। भगवान शिव अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से होने चाहिए क्योंकि वह एक सांप के साथ एक श्मशान में बैठते हैं और उनके पास पहनने के लिए बहुत कम कपड़े हैं। मुझे नहीं लगता कि ब्राह्मण श्मशान में बैठ सकते हैं।’

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