पणजी, 23 जुलाई (भाषा) वास्को स्थित गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) ने भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे दो ‘पी11356 युद्धपोत’ में से पहले युद्धपोत ‘त्रिपुट’ का मंगलवार को जलावतरण किया। यह युद्धपोत अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित है।
गोवा के राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने युद्धपोत का जलावतरण किया, जबकि उनकी पत्नी रीता पिल्लई ने इसे ‘त्रिपुट’ नाम दिया।
नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन, पश्चिमी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय सिंह, भारतीय नौसेना के युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण के नियंत्रक वाइस एडमिरल बी. शिवकुमार इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे।
राज्यपाल पिल्लई ने कहा, “हमारी नौसेना किसी भी देश की चुनौती का सामना करने और अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है। भारतीय नौसेना की भूमिका दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।”
उन्होंने कहा, “आज के बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में, राष्ट्र कई चुनौतियों का सामना करते हैं। युद्धपोत का जलावतरण हमारे हितों की रक्षा के लिए देश की तैयारियों और प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रदर्शन है।”
पिल्लई ने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों में बदलाव के बीच इस जहाज का जलावतरण एक मजबूत संदेश भेजता है कि हमारा देश शांति एवं स्थिरता के अलावा अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, “यह किसी भी क्षेत्रीय आक्रमण का जवाब देने के लिए तैयार एक मजबूत और सक्षम रक्षा बल बनाए रखने के हमारे दृढ़ समर्पण को दर्शाता है।”
वहीं, वाइस एडमिरल स्वामीनाथन ने कहा कि भारत की विशाल तटरेखा रणनीतिक रूप से हिंद महासागर तक फैली हुई है।
उन्होंने कहा, “चूंकि, भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले बल और पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में उभर रही है तथा समुद्री विविधता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है, इसलिए उसे आधुनिक बनाना और हमेशा सर्वोत्तम साधनों, हथियारों व सेंसर से लैस करना अहम है।”
वाइस एडमिरल स्वामीनाथन ने कहा कि इस जहाज का नाम त्रिपुट रखा गया है, जो भारतीय नौसेना की शक्तिशाली तलवार और प्रतीकात्मक अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प तथा हमला करने की क्षमता के कारण रखा गया है।
जलावतरण समारोह के बाद जीएसएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ब्रजेश कुमार उपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि शिपयार्ड अपने 67 साल पुराने इतिहास में पहली बार इतने बड़े जहाज का निर्माण कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हमने अब तक अपतटीय गश्ती जहाज और त्वरित गश्ती जहाज बनाए हैं। यह पहला बड़ा युद्धपोत है, जिसका हमने निर्माण किया है। ‘त्रिपुट’ अक्टूबर 2026 में नौसेना सेवाओं में शामिल होने के लिए उपलब्ध होगा।”
भाषा पारुल प्रशांत
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