नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) भारत में चिकित्सा विषय में स्नातक करने वाले छात्रों को अब अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में इलाज या परास्नातक करने में आसानी होगी क्योंकि भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) को विश्व चिकित्सा शिक्षा संघ (डब्ल्यूएफएमई) ने अपनी मान्यता दे दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मौजूदा समय में एनएमसी द्वारा विनियमित 706 चिकित्सा महाविद्यालय अब डब्ल्यूएफएमई मान्यता प्राप्त होंगे जबकि अगले 10 साल में स्थापित किए जाने वाले नए चिकित्सा महाविद्यालयों को भी स्वत: विश्व निकाय की मान्यता मिल जाएगी।
एनएमसी में नीति और चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड के सदस्य डॉ.योगेंद्र मलिक ने बताया, ‘‘ इस मान्यता से हमारे छात्रों को दुनिया में कहीं भी करियर बनाने का अवसर प्राप्त होगा साथ ही वैश्विक मानक की मान्यता प्राप्त होने से भारत अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए आकर्षक स्थान बनेगा।’’
मान्यता के तहत एनएमसी को आधिकारिक रूप से मान्यता पत्र एवं प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘डब्ल्यूएफएमई मान्यता से भारत में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता एवं मानक वैश्विक प्रकिया और मानकों के तहत उच्च स्तर के होंगे। इस मान्यता से भारत में स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम में पंजीकृत छात्रों को अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में परास्नातक की पढ़ाई या इलाज करने का अवसर प्राप्त होगा जहां पर डब्ल्यूएफएमई मान्यता की जरूरत होती है।’’
अधिकारियों के मुताबिक इस मान्यता से भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों, पेशेवरों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता और ख्याति बढ़ेगी तथा शैक्षणिक आदान-प्रदान व समन्वय की सुविधा प्राप्त होगी।
डब्ल्यूएफएमई वैश्चिक संगठन है जो विश्वभर में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने को समर्पित है।
मलिक ने कहा कि प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त करना सबूत है कि एनएमसी चिकित्सा शिक्षा के उच्च मानक और मान्यता के लिए कृतसंकल्प है।
भाषा धीरज प्रशांत
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