‘ग्लोबल नगा फोरम’ ने एफएमआर क्षेत्र को कम करने के केंद्र के फैसले की आलोचना की

‘ग्लोबल नगा फोरम’ ने एफएमआर क्षेत्र को कम करने के केंद्र के फैसले की आलोचना की

‘ग्लोबल नगा फोरम’ ने एफएमआर क्षेत्र को कम करने के केंद्र के फैसले की आलोचना की
Modified Date: April 29, 2025 / 12:11 pm IST
Published Date: April 29, 2025 12:11 pm IST

कोहिमा, 29 अप्रैल (भाषा) ग्लोबल नगा फोरम ने नगालैंड में फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) के क्षेत्र को कम करने और भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की है।

दिसंबर 2024 में जारी सरकार के संशोधित सीमा दिशा-निर्देशों के अनुसार, एफएमआर के तहत सीमा पार आवाजाही को सीमा से सिर्फ 10 किलोमीटर तक सीमित कर दिया गया है और ‘बॉर्डर पास’ प्रणाली लागू की गई है।

इस फैसले के खिलाफ ‘ग्लोबल नगा फोरम’ ने सोमवार को एक अंतरराष्ट्रीय ‘हाइब्रिड’ (डिजिटल एवं प्रत्यक्ष माध्यम से) सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में नगा राजनीतिक दलों, नागरिक समाज संगठनों, छात्र संगठनों, विद्वानों और नगालैंड तथा विदेशों से आए नागरिकों ने भाग लिया। इस दौरान आठ बिंदुओं पर एक प्रस्ताव पारित किया गया।

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ग्लोबल नगा फोरम (जीएनएफ) द्वारा अपने संयोजक चुबा ओजुकुम और सह-संयोजक प्रोफेसर रोजमेरी जुविचू के माध्यम से जारी घोषणापत्र में चेतावनी दी गई कि इस फैसले से जनजातीय अधिकारों का उल्लंघन होगा, नगा एकता को खतरा होगा और अंतरराष्ट्रीय सीमा से विभाजित समुदायों के बीच सदियों पुराने संबंध कमजोर होंगे।

घोषणापत्र में दावा किया गया कि भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और निगरानी से नगा समुदाय के लोगों की जीवन शैली पर बुरा असर पडे़गा।

उन्होंने कहा कि एफएमआर भारत-म्यांमा सीमा पर रहने वाले समुदायों को सीमा पार आवागमन की अनुमति देता है, लंबे समय से स्वदेशी व्यापार, पूजा और पारिवारिक जुड़ाव के लिए महत्वपूर्ण रहा है।

भाषा योगेश सुरभि

सुरभि


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