वैश्विक जलवायु वित्त 2022 में 1.5 डेढ़ लाख करोड़ डॉलर हुआ, 2030 तक पांच गुना वृद्धि जरूरी: रिपोर्ट
वैश्विक जलवायु वित्त 2022 में 1.5 डेढ़ लाख करोड़ डॉलर हुआ, 2030 तक पांच गुना वृद्धि जरूरी: रिपोर्ट
नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) जलवायु परिवर्तन से निपटने और अनुकूलन संबंधी कवायद में वैश्विक निवेश लगभग 1.5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। यह 2018 और 2022 के बीच दोगुना हो गया, लेकिन तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए इसे 2030 तक कम से कम पांच गुना बढ़ाना होगा। यह बात एक नए अध्ययन में कही गई है।
वैश्विक विचार मंच ‘क्लाइमेट पॉलिसी इनिशिएटिव’ (सीपीआई) द्वारा प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट ‘द ग्लोबल लैंडस्केप ऑफ क्लाइमेट फाइनेंस 2024: इनसाइट्स फॉर सीओपी29’ में कहा गया कि जलवायु वित्त वर्तमान में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के केवल एक प्रतिशत के बराबर है जो आवश्यक स्तर से बहुत कम है।
उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) को जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 6.5 प्रतिशत की आवश्यकता हो सकती है।
सीपीआई में वैश्विक प्रबंध निदेशक बारबरा बुचनर ने कहा, ‘‘हालांकि वैश्विक जलवायु वित्त के मामले में कुछ प्रगति हुई है, लेकिन व्यापक कोष अंतर का समाधान करने के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी, सामंजस्यपूर्ण और प्रभावी दृष्टिकोण आवश्यक है।’’
रिपोर्ट के अनुसार, वार्षिक जलवायु वित्त प्रवाह 2018 में 674 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022 में 1.459 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया। हालांकि, तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के वास्ते 2030 तक वार्षिक रूप से आवश्यक 7.4 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने के लिए अभी भी पांच गुना वृद्धि की आवश्यकता है।
भाषा नेत्रपाल मनीषा
मनीषा

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