नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस परेड में ग्रामीण विकास मंत्रालय की झांकी ने कर्तव्य पथ पर लखपति दीदी योजना का चित्रण किया। इस योजना का लक्ष्य स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के लिए एक लाख रुपये की न्यूनतम आय सुनिश्चित करना है।
झांकी के सामने नोटो की गड्डी पकड़े लखपति दीदी की एक विशाल प्रतिमा लगी थी, जो उनकी वित्तीय आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
बुनाई, हस्तशिल्प और कृषि जैसी विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में शामिल महिलाओं को भी इस झांकी में दर्शाया गया।
झांकी में किताबें पकड़े लड़कियों और कंप्यूटर का इस्तेमाल करती महिलाओं को भी चित्रित किया गया, जो कौशल विकास और आधुनिक प्रौद्योगिकी के अनुकूलन के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर उनकी यात्रा का प्रतीक है।
ग्रामीण भारत से संबंधित रूपांकनों, जैसे मिट्टी के बर्तन, स्थानीय शिल्प और वनस्पतियां झांकी का हिस्सा थीं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, 1.15 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों की सदस्य हैं जो एक लाख रुपये से अधिक की वार्षिक घरेलू आय वाली ‘लखपति दीदी’ बन गई हैं।
अबतक, 10 करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाओं को 91.8 लाख स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया है।
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