सिक्किम में ग्लेशियर झील के कगार टूटने की घटना के एक बरस बाद भी हरे हैं जख्म

सिक्किम में ग्लेशियर झील के कगार टूटने की घटना के एक बरस बाद भी हरे हैं जख्म

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  • Publish Date - October 4, 2024 / 03:45 PM IST,
    Updated On - October 4, 2024 / 03:45 PM IST

गंगटोक, चार अक्टूबर (भाषा) सिक्किम में ग्लेशियर झील के कगार टूटने से आई आपदा की बरसी पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने उस भयावह घटना को याद किया जिसमें करीब 40 लोगों की जान चल गई थी।

तमांग ने सोशल मीडिया मंच पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘ हम चार अक्टूबर की त्रासदी को याद करने के लिए इस दिन को मनाते हैं, हम उन लोगों की स्मृतियों को सम्मान देने के लिए कुछ क्षण व्यय करते हैं जिन्होंने अपनी जान गंवा दी और उन परिवारों को नमन करते हैं कि उनका जीवन हमेशा के लिए बदल गया।’’

मुख्यमंत्री ने उन लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट की जो शोकाकुल करने वाली घटना से अबतक उबरे नहीं हैं और उस हादसे में बच गए लोगों और आपदा प्रभावित समुदायों के लचीलेपन एवं जज्बे को नमन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘गंभीर दुख के समय में, हमें एकता, करुणा और आशा की स्थायी शक्ति की याद आती है। हालांकि शब्द हमारी सामूहिक क्षति की गंभीरता को पूरी तरह से व्यक्त नहीं कर सकते, लेकिन हम एकजुटता के साथ खड़े हैं, अटूट समर्थन और हार्दिक सम्मान के साथ।’’

तमांग ने संकट के समय में केंद्र सरकार की मदद के लिए भी आभार जताया। उन्होंने भारतीय सेना, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए), सरकारी अधिकारियों को राहत एवं बचाव अभियान एवं उसके बाद पुनर्निर्माण में उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

उत्तरी सिक्किम स्थित ल्होनाक ग्लेशियर झील के तटबंध तीन-चार अक्टूबर 2023 की दरमियानी रात टूट जाने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई और राज्य के चार जिलों मंगान, गंगटोक, पाकयोंग और नामची में भारी तबाही मच गई थी।

भाषा धीरज मनीषा

मनीषा