पेयजल संसाधनों को सुरक्षित रखने के लिए ग्लेशियर का संरक्षण आवश्यक: डॉ. सोनकर

पेयजल संसाधनों को सुरक्षित रखने के लिए ग्लेशियर का संरक्षण आवश्यक: डॉ. सोनकर

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  • Publish Date - March 23, 2025 / 12:50 PM IST,
    Updated On - March 23, 2025 / 12:50 PM IST

प्रयागराज (उप्र), 23 मार्च (भाषा) प्रख्यात वैज्ञानिक और पद्मश्री से सम्मानित डॉ. अजय कुमार सोनकर ने धरती पर पेयजल की उपलब्धता के लिए ग्लेशियर के संरक्षण को जरूरी बताते हुए कहा कि ग्लेशियर पृथ्वी के जलवायु संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शनिवार शाम इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के सभागार में विश्व जल दिवस पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. सोनकर ने कहा कि वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं जिससे जलवायु संतुलन खतरे में पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करने, सतत जल प्रबंधन को लागू करने और उन्नत तकनीक के माध्यम से ग्लेशियर परिवर्तनों की निगरानी जैसी त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।’’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, प्रयागराज के अध्यक्ष प्रोफेसर एके दूबे ने कहा कि पृथ्वी पर 70 प्रतिशत से अधिक पानी विभिन्न रूपों में उपलब्ध है, लेकिन एक प्रतिशत से भी कम पानी उपयोग योग्य है इसलिए इसे संरक्षित करना समय की मांग है।

मुख्य वक्ता मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रोफेसर एचके पांडे ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों का संरक्षण तेजी से कठिन होता जा रहा है क्योंकि बढ़ते वैश्विक तापमान से दुनियाभर में ग्लेशियर पिघल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ग्लेशियर को संरक्षित करने के प्रयासों में वैश्विक तापमान को धीमा करने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना शामिल है।

भाषा राजेंद्र नेत्रपाल खारी

खारी