नई दिल्ली : देश के नेशनल मेडिकल कमीशन ने अपने ही एक पुराने आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। (Generic medicines are mandatory) एनएमसी ने अपने एक आदेश में इस बात को अनिवार्य कर दिया था कि सरकारी डॉक्टर अपने प्रेस्क्रिप्शन में सिर्फ जेनेरिक दवाएं ही लिखेंगे। वही अब इस आदेश पर रोक लगा दिया गया है।
इस संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया सेमिलकर चर्चा की थी जिसके बाद यह नया फैसला सामने आया है।
गौरतलब है कि सरकार ने पहले इस आदेश को अनिवार्य करते हुए यह भी कहा था कि आदेश के परिपालन में लापरवाही पर डॉक्टर्स का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद डॉक्टर्स ने एनएमसी के आरएमपी रेगुलेशन 2023 का विरोध करते हुए कहा था कि भारत में जेनेरिक दवाइयों की गुणवत्ता सही नहीं है और इस तरह के नियमों से मरीजों की के लिए ख़तरा पैदा हो सकता है।