नई दिल्ली: आर्थिक मंदी के चलते उम्मीद के अनुरूप वेतन वृद्धि नहीं मिल पाने नाराज नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी है। आर्थिक मंदी से निपटने के बाद अब निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों को अच्छा ग्रोथ दे सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इस सल कर्मचारियों को 10.1 प्रतिशत तक वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है।
विलिस टॉवर्स वॉटसन का कहना है कि साल 2018 में 37 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों संख्या में बढ़ोतरी हुई की थी। वहीं, अगर बात 2019 की करें तो इस साल भी कर्मचरियों की संख्या में 29 फीसद कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई थी। इस लिहाज से उम्मीद की जा रही कि कंपनियां इस साल 22 प्रतिशत कर्मचारियों की बढ़ातरी कर सकती है।
वहीं, अगर वेतन वृद्धि की बात पर गौर किया जाए तो साल 2020 में एक्जीक्यूटिव स्तर के अधिकारियों के अघिकारियों को 10.1 फीसद वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकता है। जबकि पिछले साल महज 9.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली थी।
एशिया और प्रशांत के 20 बाजारों की 1,128 कंपनियों का सर्वे किए जाने के बाद यह अनुमान लगाया गया है। इस सर्वे में भारत की भी 337 कंपनियों को शामिल किया गया है। इस सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि अगले साल इंडोनेशिया में 8 फीसद, श्रीलंका में 7.8 फीसद, चीन में 6.5 फीसद, फिलीपींस में 6 फीसद और हांगकांग व सिंगापुर में चार-चार फीसद इंक्रीमेंट हो सकता है। सर्वे में कहा गया है कि एनर्जी सेक्टर के अलावा, फाइनेंशियल सर्विस और कन्जूमर प्रोडक्ट्स सेक्टर में भी अच्छी ग्रोथ मिल सकती है।
वहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऑटोमोबाइल, ऑटो एंसिलरी और इंजीनियरिंग क्षेत्र में हायरिंग एक्टिविटी में कमी आई है। कार कंपनियों को लगातार अपने प्लांट में काम बंद रखना पड़ा है या उत्पादन में कमी करनी पड़ी है। वहीं, हाई-टेक सेक्टर्स, शेयर्ड सर्विस आउटसोर्सिंग, फार्मास्यूटिकल्स, एनर्जी, रिटेल और केमिकल्स सेक्टर स्थिर है।
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