नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) साहित्य अकादमी अगले साल से अपने सभी पुरस्कारों के लिए विज्ञापन जारी कर रचनाकारों से आवेदन आमंत्रित करेगी। अकादमी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अकादमी हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, बांग्ला, पंजाबी, राजस्थानी और संस्कृत समेत 24 भारतीय भाषाओं में साहित्य अकादमी पुरस्कार, युवा पुरस्कार, बाल साहित्य पुरस्कार तथा अनुवाद पुरस्कार प्रदान करती है।
अकादमी के सचिव, के. श्रीनिवास राव ने यहां पत्रकारों को बताया कि 2025 से कोई भी रचनाकार पुरस्कार के लिए सीधे आवेदन कर सकेगा और इसके बाद संबंधित भाषा की चयन समिति उनकी पुस्तकों पर गौर करेगी।
उन्होंने कहा, “ इतना ही नहीं, रचनाकार की ओर से प्रकाशक या उनका कोई शुभचिंतक भी आवेदन कर सकेगा। इसके लिए अकादमी अखबारों और सोशल मीडिया पर विज्ञापन जारी करेगी जिसके अनुसार वे पुरस्कार के लिए अकादमी में आवेदन कर पाएंगे।”
राव ने बताया कि युवा और बाल साहित्य पुरस्कारों के लिए तो विज्ञापन जारी किए जा चुके हैं।
राव ने एक सवाल के जवाब में कहा, “पहले अलग-अलग भाषाओं के दो विशेषज्ञ किताबों की सूची बनाते थे। विशेषज्ञ पिछले पांच साल में प्रकाशित उत्कृष्ट कृतियों की सूची बनाते थे तो हो सकता है, एकाध किताब उनसे छूट जाए तथा लेखक भी पूछते थे कि वे अकादमी को पुरस्कार के लिए कैसे संपर्क करें।”
उन्होंने कहा कि इसलिए उस प्रावधान को अब खत्म कर दिया गया है जिसके तहत पुरस्कार के लिए सीधे आवेदन नहीं किया जा सकता था।
राव के मुताबिक, यह प्रक्रिया सभी तरह के पुरस्कारों के लिए बदली गई है।
सचिव ने बताया कि 2025 के पुरस्कार के लिए 2019 से लेकर 2023 के बीच प्रकाशित किताब के लेखक पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं।
साहित्य अकादमी की वेबसाइट के मुताबिक, अकादमी की स्थापना भारत सरकार ने 1954 में की थी। भारत की प्रमुख साहित्यिक संस्था के रूप में अकादमी पुरस्कार, फेलोशिप, अनुदान, प्रकाशन, साहित्यक कार्यक्रम, कार्यशाला, एवं प्रदर्शनी के माध्यम से स्वयं द्वारा मान्यता प्रदत्त 24 भारतीय भाषाओं में साहित्य को संरक्षण एवं प्रोत्साहन प्रदान करती है।
भाषा नोमान नोमान माधव
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