(मोहित सैनी)
नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में राजनीतिक चर्चा में ‘‘मुफ्त उपहारों’’ की चर्चा हावी है जिससे प्रदूषण, कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ अपराध और बुनियादी ढांचा सहित अन्य प्रमुख मुद्दे पीछे रह गए हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने आज राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी के सत्ता में लौटने पर सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने के लिए आवासीय कल्याण संघों को वित्तीय सहायता देने का वादा किया।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृत्व में सत्तारूढ़ आप मुफ्त बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और महिलाओं के लिए नि:शुल्क सार्वजनिक परिवहन पहल पर जोर देते हुए ‘‘रेवड़ी पर चर्चा’’ जैसे अभियानों का नेतृत्व कर रही है।
इसने नयी योजनाओं की भी घोषणा की है, जिनमें महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये देने के वादे के साथ मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना और बुजुर्गों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल संबंधी संजीवनी योजना शामिल है।
कांग्रेस ने जवाब में ‘प्यारी दीदी योजना’ की घोषणा की है जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने की बात कही गई है। इसने 25 लाख रुपये तक की बीमा कवरेज का वादा करते हुए ‘जीवन रक्षा योजना’ की घोषणा भी की है।
इस बीच, भाजपा जल्द ही अपना घोषणापत्र जारी कर सकती है, जिसमें घरों के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली और महिलाओं के लिए 2,500 रुपये के मासिक भत्ते जैसी योजनाएं शामिल हो सकती हैं।
इन मुफ्त योजनाओं को एक बार ‘मुफ्त की रेवड़ी’ करार देने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करना पड़ा कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो इस तरह की योजनाएं जारी रखी जाएंगी।
मोदी ने लोगों से ‘‘डबल इंजन’’ भाजपा सरकार के लिए वोट करने का आग्रह करते हुए हाल में कहा था, ‘‘हार को भांपकर ये ‘आप-दा’ वाले लोग परेशान हैं। वे दिल्लीवासियों को डरा रहे हैं कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो यह योजना बंद कर दी जाएगी या वह योजना बंद कर दी जाएगी। लेकिन मैं दिल्लीवासियों को आश्वस्त करने आया हूं कि भाजपा शासन में कोई भी योजना बंद नहीं की जाएगी, बल्कि इन योजनाओं में भ्रष्टाचार करने वालों को बाहर किया जाएगा।’’
मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त उपहारों की घोषणाओं के चलते दिल्ली में वायु प्रदूषण जैसा महत्वपूर्ण मुद्दा गौण हो गया है।
राजधानी के अनेक निवासियों ने गंभीर स्वास्थ्य खतरा बने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस कार्य योजनाओं की कमी पर चिंता जताई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पिछले साल नवंबर में 490 के अंक को पार कर गया, जो ‘‘अत्यंत गंभीर’’ श्रेणी में आता है। जहरीली हवा के कारण अनेक लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
यमुना नदी में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण पूरे शहर में पानी की कमी भी देखी गई क्योंकि जलशोधन संयंत्र पानी का शोधन करने में असमर्थ थे। खराब जल निकासी के चलते दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में तीन यूपीएससी अभ्यर्थियों की डूबने से मौत को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में आक्रोश देखा गया।
चुनाव में मुफ्त उपहारों की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय लिबरल पार्टी के अध्यक्ष मुनीश कुमार रायजादा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘केजरीवाल पिछले 10 वर्षों में शासन के मामले में पूरी तरह विफल रहे हैं। उन्होंने मुफ्तखोरी की संस्कृति को बढ़ावा दिया है और साथ ही शासन एवं नीति-निर्माण को पंगु बना दिया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार ने रोजगार सृजन और संविदा कर्मचारियों के लिए समाधान खोजने जैसे अन्य प्रमुख मुद्दों की अनदेखी की है।
बहुजन समाज पार्टी के केंद्रीय संयोजक नितिन सिंह ने कहा कि इन दलों द्वारा की जा रही मुफ्त सुविधाओं की घोषणा पूरी तरह झूठ है। उन्होंने कहा कि यदि लोगों की बुनियादी जरूरतों पर ध्यान दिया गया होता तो ऐसी फर्जी घोषणाओं की कोई जरूरत नहीं होती।
सिंह ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा हालात बेहद खराब हैं और इसी वजह से सरकार नए-नए विज्ञापन ला रही है।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 5 फरवरी को होगा और मतगणना 8 फरवरी को होगी।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
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