जम्मू, जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में शनिवार को एक निर्माणाधीन रतले बिजली परियोजना स्थल के पास हुए भूस्खलन से चार लोगों की मौत हो गई जबकि छह अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए अभियान जारी है।
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किश्तवाड़ के उपायुक्त देवांश यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मजदूर रतले बिजली परियोजना स्थल के पास संपर्क मार्ग के निर्माण का काम कर रहे थे और एक जेसीबी मशीन खुदाई कर रही थी, तभी एक बड़ा पत्थर लुढ़क गया, जिससे मजदूर फंस गए। उन्होंने बताया कि छह लोगों का बचाव दल घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचा लेकिन दूसरा भूस्खलन होने के कारण और ज्यादा लोग मलबे में फंस गए।
उन्होंने बताया कि तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया और एक सहायक उप निरीक्षक सहित छह लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया तथा अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि घटना में पुलिसकर्मी और जेसीबी ऑपरेटर सहित चार लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि जेसीबी ऑपरेटर की पहचान मनोज कुमार के रूप में हुई है।
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वहीं, दिन में यादव ने बताया था कि मलबे में पांच लोगों के फंसे होने की आशंका है। अधिकारियों ने बताया कि घायल हुए छह लोगों में से तीन लोगों को सरकारी मेडिकल कॉलेज, डोडा, दो लोगों को ठाठरी अस्पताल और एक को जम्मू भेजा गया है।
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केंद्रीय मंत्री एवं जम्मू कश्मीर के उधमपुर से सांसद जितेंद्र सिंह ने कहा कि रतले बिजली परियोजना स्थल पर भूस्खलन की सूचना मिलने के बाद उन्होंने उपायुक्त यादव से बात की। सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हादसे में जेसीबी चालक की मौके पर ही मौत हो गई। घटनास्थल पर तैनात करीब छह लोगों का बचाव दल भी दुर्भाग्य से मलबे में फंस गया है।’’ मंत्री ने कहा कि फंसे लोगों को निकालने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। मैं जिला प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं।’’ वहीं, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी हादसे में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया है।