मुंबई: दक्षिणी मुंबई स्थित महाराष्ट्र सचिवालय परिसर में मंगलवार को शराब की कई खाली बोतलें पाई गईं, जिसके बाद राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिये हैं। बोतलें मंत्रालय में भूतल पर कैंटीन जाने वाली सीढ़ियों के नीचे मिलीं जहां मुख्यमंत्री, मंत्रियों, मुख्य सचिव और अन्य नौकरशाहों के कार्यालय स्थित हैं। इस घटना की वजह से राज्य सरकार के सत्ता प्रतिष्ठान में सुरक्षा प्रणाली को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री दत्तात्रेय भराने ने क्षेत्रीय समाचार चैनलों के साथ बातचीत में संदेह जताया कि यह काम निर्माण कार्य के लिए मंत्रालय आने वाले निजी ठेकेदारों और मजदूरों का हो सकता है।
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उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा निजी मत है कि हो सकता है कि मंत्रालय के भीतर बोतलें परिसर में विभिन्न काम कर रहे कुछ निजी ठेकेदारों के कर्मचारियों द्वारा लाई गई हों। मैं राज्य प्रशासन मुख्यालय में शराब की बोतलें मिलने के बारे में राज्य के गृह मंत्री दिलीप वल्से पाटिल को सूचित करूंगा।’’
भराने ने कहा कि विस्तृत जांच की जाएगी और दोषियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या यह घटना सुरक्षा में खामी का नतीजा है, उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जारी किए जाने वाले वैध पास के बिना मंत्रालय के भीतर प्रवेश नहीं कर सकता।’’ वहीं, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार की निन्दा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दिल में शराब कारोबार को लेकर हमदर्दी है, जो किसी से छिपा नहीं है और मंत्रालय में शराब की अनेक बोतलें पड़ी होने की घटना को देखना अत्यंत खराब लगता है। उपाध्ये ने कहा कि भाजपा सरकार ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में शराब की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी थी, लेकिन एमवीए सरकार ने उस निर्णय को पलट दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि इस सरकार ने कोविड-19 के दौरान अन्य दुकानों और सेवाओं के लिए ढील देने से पहले ही शराब की दुकानों को खोल दिया।’’
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