नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) पूर्व राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकार चंदन मित्रा का बुधवार देर रात यहां दक्षिण दिल्ली स्थित आवास पर 65 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके बेटे कुशन मित्रा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
वह ‘पायनियर’ समाचार-पत्र के संपादक थे और राजनीति से लेकर लोकप्रिय संगीत सहित विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जाने जाते थे। पिछले कुछ समय से वह बीमार थे और सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहते थे।
उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं।
कुशन मित्रा ने कहा कि उनके पिता पिछले कुछ वक्त से बीमार थे। उन्होंने ट्वीट किया, “मेरे पिता जी का कल देर रात निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से कष्ट में थे।”
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने चंदन मित्रा के निधन पर शोक जताया और राजनीति एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की।
राष्ट्रपति कोविंद ने मित्रा के निधन पर शोक जताते हुए इसे पत्रकारिता जगत के लिए बड़ा नुकसान बताया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘चंदन मित्रा एक उत्कृष्ट पत्रकार थे तथा सांसद के रूप में उनके कार्यकाल ने उन्हें और ख्याति दी। हिंदी भाषी क्षेत्रों के साथ ही, इतिहास की उन्हें गहरी समझ थी। उनके निधन ने भारतीय पत्रकारिता में एक खालीपन छोड़ दिया है। उनके परिजनों और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’’
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मित्रा के निधन को निजी नुकसान बताया।
उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक ट्वीट के मुताबिक, नायडू ने कहा, ‘‘वह एक ज्ञानी और बहुत सम्मानित पत्रकार व सांसद थे। उनका निधन मेरी निजी क्षति है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मित्रा को उनकी बुद्धिमत्ता और पारखी नजर के लिए याद किया जाएगा।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘चंदन मित्रा को उनकी बुद्धमत्ता और पारखी नजर के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने मीडिया जगत के साथ ही राजनीति में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य के रूप में वह दो बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। उन्हें वयोवृद्ध भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी का करीबी माना जाता था। वर्ष 2018 में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मित्रा के निधन पर शोक जताया और कहा, ‘‘मीडिया के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य और जनता की सेवा के लिए उन्हें याद किया जाएगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं परिजनों के साथ है।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मित्रा के निधन पर शोक जताया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पत्रकारिता और राजनीति के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।’’
भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने मित्रा के साथ अपनी 1972 की एक तस्वीर पोस्ट की और कामना की कि उनका दोस्त जहां भी रहे, खुश रहे।
उन्होंने ट्वीट किया, “मैंने अपने करीबी मित्र – पायनियर के संपादक एवं पूर्व सांसद चंदन मित्रा को आज सुबह खो दिया। हम ला मार्टिनियर के विद्यार्थियों के तौर पर एक साथ थे और सेंट स्टीफेन्स और ऑक्सफोर्ड गए थे। हमने एक ही वक्त पर पत्रकारिता शुरू की थी और अयोध्या एवं भगवा लहर के उत्साह को साथ में महसूस किया था।”
दासगुप्ता ने कहा, “मैं 1972 की एक स्कूल यात्रा के दौरान की अपनी और चंदन मित्रा की तस्वीर पोस्ट कर रहा हूं। मेरे प्रिय मित्र, जहां भी रहो, खुश रहो।”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने याद किया कि कैसे सेंट स्टीफेन्स कॉलेज यूनियन सोसायटी के चुनाव में मित्रा ने उनके चुनावी प्रबंधक की भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘चंदन के निधन की खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं। उन्होंने सेंट स्टीफेन्स कॉलेज यूनियन सोसायटी के अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में सफलतापूर्वक मेरे चुनावी प्रबंधक की जिम्मेदारी संभाली, मेरी कैबिनेट में योगदान दिया और मेरे उत्तराधिकारी भी बने। दिल्ली वापसी और राजनीति ने हमें अलग कर दिया लेकिन इससे पहले हम दोनों वर्षों तक लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे।’’
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी मित्रा के निधन पर दुख जताया और एक बयान में कहा, ‘‘चंदन मित्र उच्च कोटि के एक संपादक थे जिन्होंने दि स्टेट्समैन में एक शानदार पारी खेली और हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक भी बने। उन्होंने युवा पत्रकारों को प्रोत्साहित किया और पॉयनियर को फिर से शुरु किया। उनका निधन बहुत बड़ी क्षति है। दुख की इस घड़ी में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया उनके परिवार के साथ खड़ा है।’’
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा
मनीषा