नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वहीं आज उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। उनके जाने से देश की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई। भले ही प्रणब का नाता कांग्रेस से था, लेकिन वे भाजपा के दो नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी से काफी प्रभावित थे। इसका जिक्र उन्होंने एक कार्यक्रम में किया था।
Read More News: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर सीएम भूपेश बघेल, शिवराज सिंंह चौहान सहित इन नेताओं ने जताया शोक
अटलजी को प्रणब सबसे असरदार, तो मोदी को सबसे तेजी से सीखने वाला पीएम मानते थे। यहीं नहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रणब मुखर्जी की तारीफ में कहा था कि जब मैं दिल्ली आया था, तब प्रणब दा ने ही उंगली पकड़कर सिखाया। 2017 में जब राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी का आखिरी दिन था, तो मोदी ने उनके नाम चिट्ठी में लिखा था- राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के रूप में आपके साथ काम करना सम्मान की बात रही।
Read More News: सोने और चांदी की कीमतों में फिर हुई बढ़ोतरी, जानिए आज का भाव
बता दें कि 2012 में प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बने थे और 2017 तक इस पद पर रहे। पिछले साल 2019 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न सम्मान नवाजा गया था। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह सम्मान दिया था। मुखर्जी यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले पांचवें राष्ट्रपति थे। इससे पहले राष्ट्रपति डॉ. एस राधाकृष्णन, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. जाकिर हुसैन और वीवी गिरि को मिल यह सम्मान मिल चुका है।
Read More News: पूरे शहर में होगी अंडरग्राउंड वायरिंग, स्मार्ट सिटी सलाहकार समिति की बैठक में सड़कों की मरम्मत और सौंदर्यीकरण का भी फैसला
पीएम मोदी ने कहा था- प्रणब ने एक गार्जियन की तरह सिखाया
जुलाई 2016 में राष्ट्रपति भवन म्यूजियम के सेकंड फेज के इनॉगरेशन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए कहा था कि जब मैं दिल्ली में नया-नया आया था, तब राष्ट्रपति ने एक गार्जियन की तरह मुझे उंगली पकड़कर चीजें सिखाई थीं। जो मौका मुझे मिला, वो बहुत कम लोगों को मिलता है। मोदी ने कहा था कि सबसे अहम बात ये है कि उनका पॉलिटिकल बैकग्राउंड अलग है और मेरा अलग, लेकिन उनके साथ मैंने सीखा कि कैसे अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा होने के बावजूद लोकतंत्र में एक-दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर काम किया जा सकता है।
Read More News: नहीं रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, बेटे अभिजीत ने की पुष्टि