नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा और राज्यसभा की सीटें बढ़ाई जाने की वकालत की है। मोदी सरकार के लोकसभा की सीटों को बढ़ाए जाने के प्लान की वकालत करते हुए पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए निर्वाचन क्षेत्र अनुपातहीन रूप से आकार में काफी बड़ा है। सोमवार को दिल्ली में इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘दूसरा अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान’ कार्यक्रम में उन्होने यह बात रखी।
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मौजूदा दौर में लोकसभा में 543 सीटें हैं जिन्हें बढ़ाकर 1000 की जानी चाहिए। साथ ही राज्यसभा की ताकत में भी इजाफा होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों ने कुछ पार्टी को संख्यात्मक बहुमत दिया हो सकता है, लेकिन भारत के चुनावी इतिहास में मतदाताओं के बहुमत ने कभी भी एक पार्टी का समर्थन नहीं किया हैं।
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पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि लोकसभा की क्षमता 1977 में संशोधित की गई थी, उस समय की जनगणना के मुताबिक देश की जनसंख्या 55 करोड़ थी। तब के मुकाबले अब आबादी दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में लोकसभा की ताकत को बढ़ाकर 1000 कर दिया जाना चाहिए।
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