नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश कर्मचारियों के पीएफ घोटाले में यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पूर्व एमडी एमपी मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। मिश्रा इस हजारों करोड़ रूपए घोटाले के मास्टर माइंड हैं। एपी मिश्रा को अलीगंज स्थित आवास से हिरासत में लिया गया है। एपी मिश्रा से पुलिस अफसर अज्ञात स्थान पर पूछताछ कर रहे हैं। सरकार ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
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इस घोटाले में यूपीपीसीएल के 4100 करोड़ रुपये का रिटायरमेंट फंड दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL) में 2017 से इन्वेस्ट किया जा रहा है, जिसमें से सिर्फ 1800 करोड़ रुपये ही वापस मिल सके।
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साल 2017 से अब तक यूपीपीसीएल ने 4,100 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिटायरमेंट फंड हाउसिंग फाइनेंस कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में निवेश किया है। इसमें से यूपीपीसीएल को केवल 1,855 करोड़ रुपये ही मिले हैं।
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दोनों अफसरों ने मिलकर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कर्मचारियों के भविष्य निधि के चार हजार करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल) में निवेश कर दिए थे। अब भी इस कंपनी में कर्मचारियों के 2268 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने कहा है कि अगर रकम वापस नहीं मिलती है तो वो अपनी तरफ से भुगतान करेगी। यूपीपीसीएल को अब तक डीएचएफएल से केवल 1,855 करोड़ रुपये ही मिले हैं।
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